________________ अनावृष्टयां प्रवृत्तापां] श्लोकपादसूची [अनित्यं यौवनं रूपं अनावृष्टयां प्रताप 3. 110.. अनावृश्यां नवल 3.110.38. अनावृष्टयां महर्षयः 9.50.35,30. अनावृष्ट्या महात्मना 3. 126.30. अनाशकास्वोषित 12.70.25 [अ]नाशवजगतः प्रभुः 2. APP. 28. 172 post. अनाशयेतां बलितः 8.16.56. अनाशाय कृतं करी 15.2.6". अनाशितानां थे लोकाः 13. App. 3. 26 pr. अनाशिनोऽप्रमेयस 6.24.18. अनाशीर्योगसंयुलाः 14.49.6. अनाश्चर्यमिई ब्रह्मन् 1, 125. 1:34. अनाश्चर्य तदित्याहु. 12. 145. 4. अनाश्चयं हि तच्चतः 8.51.. अनाश्चर्यो जयस्तेषां 6. 115.61 7. 123. 2. 8. 12: 1 0pr. अनाश्रमी नलिष्ठेत 1. 1818*2pr. अनाश्रयमनालम्वं 12.2157. अनाश्रितः कर्म 6.::.]. अनाश्रिता दानपुण्यं 5.3051". अनाश्रिताः पाया : 12.262.5". अनाश्रिय महादुम 5.20. 494. अनाश्रित्यैतदाख्यानं 1.2.2100. अनाश्रित्य नास्ति App. 4.3332 pr. अनासादितगाधं च 1. 10. 12. अनासाद्य तु वाणेयं 6. 100. 31". अनासाद्य तु शैनेयं 7.93. 20. अनास्तिकः श्रद्दधानः 5.33. 16. अनास्तिका नासिकानां 12.1:.. अनास्तिके ग मा 12. 150.60% अनास्तिको प्युटि ते 1.60. 15. अनास्तिक्यं च सर्वेषां 1. 205. 15. अनास्वादमदर्शनम् 12. 197. 18. अनास्वाद्य च तहविः 12. 375*. 1 post. अनाहतश्च निकान्तः 4.1.2. अनाहता दुन्नुभयश्च देदिरे 12.221. 89. अनाहता शुभयः 5. 183. 6.227 14.81. 150. अनाहता निवर्तन्ते 13. App. 1. 1200 pr. अनाहताः पाण्डवानां 5.11.19. अनाहिताग्निरिति सः 12. 159.21. अनाहिताग्निनियतां 13.9026. अनाहितालिः शतगुः 13.11.11. अनाहूतः प्रविशति 5. 33. 300. अनाहूतोषजल्पिनाम् 1. 126. 18. अनाहतोपसृप्तानाम् 1. 126. 184. अनाहूतोऽपि कौरवैः 3. 14. 2. अनिकृत्या परंतप 5. 85. 101. अनिकेतश्चरकः 12. 110*. ] pr. अनि तः परिपतन् 12. 12. .. अनिकेतः समाहितः 12.269. 174. अनिकेतः स्थिरमतिः 6.31. 19. अनितोऽथ राजा सः 15.15. 16". अनि शिप्य महाहवे 7.86.37. अनिगृह्य पुरा पुत्रान् 11. 14. 19. अनिग्रहमनीपम्यं 12.635*.2 pr. अनिच्छतस्तव विभो 13. 16. 200. अनिच्छतः कथं वीर 7. 1096*. 4 pr. अनिच्छन्त्य इवाङ्गानि 1. 2040*.2pr. अनिच्छन्नपि वार्णेय 6.25. 360. अनिच्छन्नपि संकुद्धः 6. 101. 40deg. अनिच्छमानः कर्मेदं 12. 1. 2. अनिज्ययाविवाहैश्च 5. 36. 250. अनित्यचित्तः पुरुषः 12. 81. 94. अनियता च मया॑नाम् 1. 94.57. अनित्यतां सुख दुःखस्य बुधा 1.81. 114 अनित्यतां हि मानां 11. 8. 13. अनित्यत्वात्प्रजार्थिनः 13. 30:*. 1 post. अनित्यत्वेन च स्नेहं 12. 266. 100. अनित्यमतयो लोके 5.78.6. अनित्यमध्रुवं सर्वं 12. 220. 100%. अनित्यमसुखं चेति 13. App. 15. 3970 pr. अनित्यमसुखं लोकं 6. 31. 33. अनित्यमिति जानन्तो 5. 133. 21". अनित्यमिह मानां 12.282.6. अनित्यमुपलक्ष्येदं 12.217.5. अनित्यराजा वसति 5.502*. pr. अनित्यं किल मर्त्यस्य 5.73. 190. अनित्यं क्षेत्रमुच्यते 13. App. 15.2272 post. अनित्यं जीचितं रूपं 11.2. 150. अनित्यं दुःखसंतप्तं 13. App. 3. 149 pr. अनित्यं द्वंद्वसंयुक्तं 14. 49. 10. अनित्यं नित्यमव्यक्तं 12.303. 11'. अनित्यं नियमित्येके 14, 48. 164. अनित्यं पञ्च वर्षाणि 12.642*. 1 pr. अनित्यं यौवनं रूपं 3. 2. 4:50. 12. 317. 14"; 545*.7pr. ___13. App. 15. 3961 pr. -95