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________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख 7. सुमतिनाथ: सं. 1661 माघ शु. 13 श्रीसुमतिनाथबिंब कारापितं सा. पनालालजी असताजी मु. गोदणवाला की तरफ सु. थापितं जगतगुरुदेव श्रीमद्विजयही सूरिश्वरजी के सन्तानीय नुयोगाचार्य श्रीहितविजय जी के प. श्रीहिम्मतविजय। (350) 8. पद्मप्रभः ॥सं, 1961 माघ शु. 13 दिने श्रीपदमप्रभुजीबिंब कारापित श्रीसंघेन प्र. जगदगुरुदेव श्रीमद विजय हीरसूरिश्वरजी के सन्तानीया अनुयोगाचार्य श्री हितविजयजी मा. के पं. श्रीहिम्मतविजयेन श्रीमेवानगरे श्रीरस्तु। (351) 6. पद्मप्रभः ॥सं. 1661 मा. शु. 13 दिने श्री पदमप्रभुजीबिंब कारापित श्रीसंधेन प्र. जगदगुरुदेव श्रीमद्विजय हीरसूरिश्वरजी के सन्तानीय अनुयोगाचार्य श्रीहितविजयजी म .... (352) 10. सुपार्श्वनाथ:-- - सं. 1661 मा. शु. 13 श्रीसुपार्श्वनाथ बिंब कारापितं सा. पना. लालजी असताजी मु. गोदणवाला की तरफ सु थापीतं जगदगुरुदेव......... (353) 11. शांतिनाथ :-- सं. 1661 माघ शु. 13 दिने श्रीशांतिनाथ जिनबिंब कारापितं श्रीसंघेन प्र. जगदगुरुदेव श्रीमदविजय हीरसूरिश्वरजी के सन्तानीया अनुयोगाचार्य श्रीहित विजयजी म. के प. हिम्मतविजयेन श्रीमेवानगरे श्रीरस्तु / (354) 12. शान्तिनाथ: सं. 1991 माघ सु. 13 दिने श्रीशान्तिनाथबिंब कारापितं श्रीसंघेन प्रतिष्ठित प. हिम्मतविजयेन श्रीमेवानगरे 13. पार्श्वनाथ:-- सं. 1661 माघ सु. 13 श्रीपारश्वनाथजीबिंब सा. पनालालजी
SR No.032838
Book TitleBadmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
PublisherJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publication Year1987
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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