________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख / 63 ................... (274) . . 2. श्रीमहावीरजी प्रतिमा लेख ॥सं. 1884 मा. सुद 5 श्रीजिनहर्षमूरि, पं. वा. माणिक्यहंसगणि श्रीमहावीरजिनबिंव प्रतिष्ठित / (275) 3. प्रतिमा लेख ॥सं. 1955 रा फागुणमासे कृष्णपक्षे 5 तिथी गुरुवासरे जिनमुक्तिसूरिभिः। प्रतिष्ठिापित श्री माहोरनगरे।। श्रीचन्दाप्रभ सिणधरी। . (276) 4. पादुका लेख सं. 1994 रा फागुण सुदि 2 भृगुवासरे स्थापितं / श्रीजिन - कुशलसूरि गुरुचरण स्थापितं सिणधरीग्रामे पं. प्र. ही मतमल / (277) . . . . . . . . . 5. प्रतिष्ठा लेख - ॥श्री ऋषभदेवस्वामी ने नमः / श्रीः।। ॥सं. 1955 शाके 1820 रा प्रवर्तमाने मासोत्तममासे पौषमासे शुक्लपक्षे द्वादश्यायां तिथौ सोमवासरे शुभलग्ने श्रीभावहर्षगच्छे सीभीत: उ. प. पू. श्रीजुहारमलजो सोमपुरा केवलरामः वाः वा: कोसेलाव वाला मन्दिर उपदेसित श्रोहोरविमलजो श्रोसिणधरीनगरे समस्त श्रीसंधेन नीबड़ा वाले मन्दिर श्रीऋषभस्वामीबिंब स्थापितः अथ प्रतिष्ठा हुई तीनरे चढ़ावा रो वीगत। ...... दाः पं. हिमतमल रा छ श्रीभावहर्षगच्छे / / सकलसंघ सुखदायक / श्रीहरि विहार उपासरा (278) 6. यह श्रीहीर विहार प. पू. मेवाड़ केसरी श्रीनाकोड़ाउद्धारक प्राचार्यदेव श्रीमद्विजयहिमाचलसूरीश्वरजी महाराज साहेब के शिष्यरत्न पू. मुनिराज श्रीलक्ष्मी विजयजी महाराज के उपदेशों द्वारा निर्मित कराया ॥श्रीरस्तु।। सियाणी क यह ग्राम बाड़मेर से पश्चिम में आया हुया है। बाड़मेर से यहाँ पर प्रसिद्ध. ऐतिहासिक स्थान किराडू होकर बस जाती है। यहां पर