________________ 60 ] बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख तोली पुत्र वीरम पोपा भा. रूपी-सुतउदादिकुट बयुतेन स्व श्रेयोर्थ श्रीया दिनाथबिंब कारित / प्रतिष्ठितं श्रीउपकेशगछे कुकदाचार्यसंताने श्रीदेवगुप्तसूरिभिः समदड़ी जंक्शन यह नगर बाड़मेर जोधपुर रेल मार्ग पर पाया हुआ है / यहाँ से रेल की एक लाईन सिवाना जालोर होती हुई भीलड़ी जाती है। यहाँ दो जैन मन्दिर हैं, परन्तु दोनों का जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। जूना बास में मन्दिर तीन चौथाई बन चुका है तथा नया बास में आधा बना है / अभी पूजायें घर मन्दिरों में हो रही है / जूना बास मन्दिर में कोई लेख नहीं है। नया बास में सुपार्श्वनाथजी के मन्दिर तथा पास ही में बनी दादावाड़ी से लेख प्राप्त हुए हैं / नया बास मन्दिर लेख ___(260) 1. श्रीसुपाश्वनाथजी मूर्ति लेख: ॥मा 62 / / 1786 प्रामाय श्रीगुरुवासरे प्रणा मिशतं 2. पंच धातु प्रतिमा लेख: संवत 1266 वर्षे वैशाख सुदि 10 बुध श्रा. शालिग पुत्र पार्श्वन श्रीने मिनाथ-प्रतिमा पित्रुः श्रेयार्थ कारिता प्रतिष्ठिताः श्रीपार्श्वदेवः प्रेरितः . (262) / 3. पंच धातु प्रतिमा लेख: ॥सं. 1514 वर्षे फागुण वदि 12 सोम जाईलवालगोत्रे छाजल यांस खीमा पुत्र सा धीरा पुत्रात्पं // सा. झाझरण देन सई। श्रीनिजपितृ धीरा पुण्यार्थ श्रीसंभवनाथबिंब का. प्र. तपागच्छे श्रीपूर्णचन्द्रसूरिपट्टे श्रीहेमहंससूरिभिः // (263) 4. पंच धातु प्रतिमा लेख: संवत 1556 वर्ष वैशाख सुदि 13 रवि उपकेशज्ञाति तातहड़गोत्रे सा. हड़ा भा. सुहरादे पु. सामल भा. सुगुरगदे पु. समसूर सहसमल आत्मश्रेयांस श्रीसूविधिनाथबिब कारितं प्रतिष्ठितं उपकेशगछे कूकदाचार्यसंताने श्रीश्रीश्रीदेवगुप्तसूरिभिः // // नदताय चन्द्राकों॥ श्री॥ . (261) . e-imidis