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________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख पन्यासजी श्रीहित विजयजी के शिष्य आचार्यदेव विजयश्रीहिमाचलसूरिभिः प्रतिष्ठितं / ___तगतगढ़वास्तव्य प्राग्वाट संघवी श्रीअंचलजी तत्पुत्र केसरीमल स्य, धर्मपत्नी मगीदेवी बालोतरा नगरस्थु पार्श्वनाथभवने श्रीधर्मनाथमन्दिरनिमित्ते श्रीनाकोड़ा पार्श्वनाथस्य प्रत्यक्षाघिष्ठाय कन्चरणकमले। 7001) रुपये निसादर समर्पितम श्रीरस्तु / . (166) 2. श्रीधर्मनाथजी प्रतिमा लेख.... स. 2016 माघ सुदि 14 तिथौ गुरुपुष्य योगे श्रीधर्मनाथबिंब बालोतरानगरस्थ श्रीपार्श्वनाथभवने मेवानगर श्रीसघेन कारितम प्रतिष्ठितं प्राचार्य श्री हिमाचलसूरिभिः शुभमस्तु / / तपागच्छ उपासरा (200) 3. मणिभद्र यक्ष मूत्ति लेख / / सं. 1955 श्रा. सु. 5 गुरो श्रीमणिभद्रबिम्ब ज. मु. भट्टारक श्रीजिनमुक्तिसूरि प्रतिष्ठितम / .. . प्रोसवाल भवन धर्मशाला-स्टेशन रोड़ ___ (201) 4. छत्री-पब्बासन लेख- - श्रीआदिनाथायनमः श्रीबुद्धितिलक शान्तिचन्द्र सदगुरुभ्यो नमः परमपूज्य शासनप्रभावक प्राचार्यदेव विजय भुवनशेख रसूरीश्वरजी म. सा. तथा मुनिराज श्रीमहिमाविजयजी म. सा. नी शुभ-सानिध्यमां वि. संवत 2037 ना वैसाख सुद 14 रविवार ता. 17-5.81 ना शुभमुहर्ते श्रीपादीश्वर भगवान का चरण (स्तूप) प्रतिष्ठा बालोतरा-शुभं भवतु। (202) 5. चरण-पादुका लेख..: सं. 2016 माघ सु. 14 गु पु. योगें श्रीआदिनाथ-चरण-पादुका बालोतरा लड़ीया बोरा मशा. प्रसादोराज, चन्दन, मोती भानीरामारणी,
SR No.032838
Book TitleBadmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
PublisherJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publication Year1987
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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