________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख [ 33 - र हैं। यह नगर बस मार्ग से जैसलमेर, जोधपुर, जालोर, पाबूरोड़, जयपुर व अहमदाबाद से जुड़ा हुआ है / यहाँ से प्रतिदिन तीन गाड़िये दो मोघ्रपुर व एक प्रागरा को जाती है। यह नगर वि. स. 1615 के बाद में राव भीमोजी ने बसाया था। इसके पहले जूना बाहड़मेर प्राबाद था जो वहां से करीब 15 मील पर है / यहाँ पर जन धार्मिक स्थान निम्न हैं वहाँ प्रतिदिन सेवा पूजा तथा धार्मिक उत्सव मनाये जाते हैं / . 1. श्रीचिन्तामणि पाश्वनाथ जिनालय, जूनी चौकी . 2. श्रीमहावीर जिनालय, जूनी चौकी 3. श्रीपादेश्वर मन्दिर, खागल मौहल्ला 4. श्रीदादावाड़ी मन्दिर, खागल मौहल्ला 5. श्रीशान्तिनाथ मन्दिर, खागल मौहल्ला 6. श्रीपार्श्वनाथ मन्दिर (बोथरा मन्दिर), खागल मोहल्ला 7. श्रीगौड़ीपार्श्वनाथ मन्दिर, सोननाडी ८.श्रीचन्दाप्रभुजी मन्दिर, गांधी चौक 6. श्री कल्याणपुरा मन्दिर 10. श्री कल्याणपुरा दादावाड़ी 11. ढाणी बाजार, जैन मन्दिर 12. पंचतीर्थी, लोलरिया धोरा 13. सच्चीया माता मन्दिर, ढाणी बाजार श्रीचित्तामरिण पार्श्वनाथ जिनालय (137) 1. स्थापना लेख: ___ मादरेचा बोहरा नेमाजी जीवराजजी दीपचदोत ने श्री मन्दिरजी बनवाकर श्रीसंघ के भेंट किया। प्रतिष्ठा सं. 1665 में / (138) 2. पंच धातु छोटी प्रतिमा लेखः संवत 1713 वर्षे वैसाख सुदि 7 शुक्रे सिरोही वा. श्री वृ. सं.