________________ 28 ] बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख (113) 13. वि सं. 2033 फा. कृ. 7 गुरौ इयं चक्रेश्वरीदेव्यामूर्ति पचपदरासंघेन कारिता प्र. श्रीकेलवाड़ा श्रीसंघेन प्रतिष्ठित विजयहिमाचलसूरिभिः लि. पं. विद्यानन्दविजयगणिना श्रीरस्तु॥ (114) 14. प. पू. मेवाड़ केसरी नाकोड़ा-तीर्थोद्धारक प्राचार्यदेव श्रीमद्विजयहिमाचलसूरीश्वराणां श्रीदुहितादेव्या शा. भंवरलालजो पारसमलजी नरपतराजजी पुत्र पौत्रस्य गुलाब बन्दजा ढेलरिया पचपदरा तपागच्छ प्र. स्थवीर मालानी देशोधारकलक्ष्मी विजय वि. सं. 2037 वै. सु. 10 गुरु . सती देवलियां (115) लेख: 15. सं.।। 1952 वरणयक प्रमद लालारणौ जानरा लकड़ : भादरवा (116) 16. संवत 1847 फागुण वद 6 वार सनीसर ताराचन्दजी किरपाणी ..... लुकड़ वाणीया / (117) 17. // संवत 1883 रा वर्षे सेत सुन 5 वार सूरज दन सा. करता गोषाणो जात लुकड़ सरगगत प्राप्त हुये तणरी प्रस्तरी मुता दोलारी पुत्री उमादे सती हुई वैसाख सुद 7 रे दन / प्रो पुतली साढ़ी सोमपुरा। श्रीरामजी सत छ। (118) 18 / / संवत 1877 रा वर्षे मतो वैसाख सुद 15 रे दन सती हुई पड़पोतरा लारे नरसीघ री दादी जात तातेड़ बेटो सारंगजी री जात सालेसा नाम सैनी जेठ सुद 8 सढ़ी। 16. कबूतरों के चोतरे के पास स्तम्भ लेख: ॥श्रीजलंधरनाथजी '. ॥श्रीराजराजेश्वर महाराजाधिराज महाराजा श्री श्री श्री 108 श्रोतखतसिंघजी महाराजकुवार श्री 105 श्री....... इब वचनाय नांदड़ी