________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख [ 17 सही .. जसोल खरतरगच्छ उपासरे का परवाना // श्रीरामजी // ।राज श्री वाघजी कुवर श्री प्रथीराजजी लिखावतु गाम जसोल में गुरां श्रीताराचन्दजी रा चेला देवीचन्दजी वखतोजी जयराजजी महासंघजो रहे छै सु दरबार सुरजाबन्दो होयने राखोया छै सो इण बाबत ने इणारे उपासरे बाबत कोई श्रीपूज सरदार महाजन साकर सुकर रजपूत कोई इणों सू केवत करण पावे नहीं दे पाद अनाद रा म्हारा गुरु छै सो इणा ने कोई कहसो तो जसोल रे धरणीयों ने वैराजी करसी. ने इणो रे कोई काम काज परसी तो राज श्रीवाघजी कुवर प्रशीराजजी इणो रो बेटो पोतरो होसी तको इणा रे चेला पोतरों रो गोर बरदाश राखसी ने इणा सु घर वद रो जाब राखसी प्रो लिखत माऊजो श्रीभटियाणीजी श्रीवाघजी हजूर रजाबन्दी किनो छ सं. 1826 रा काती सुद. 8 लिखतु मुता हुक्मा रा छ / साख 1 सोलंकी पाद री छै हुक्म सू। / .... .... / .. तपागच्छ जैन मन्दिर (64) 5. शिलालेख रंग-रोगन के कारण अस्पष्ट:--. -... संवत् 1882 वर्षे भादवा वदि 2 दिने रवीवार उ. प्रा. निखत्रे राउल श्रीवोरमदेवजी विजयराज्ये असाउल नगरे महेवे सेठ अभाजी तेज माल नार (नो)तनजी सुखराजजी लक्ष्मीचन्दजी देवराजजी .. ... श्रीकुथनाथ श्रीशांतिनाथ........समस्त साहूकारान शुभ दिने भवन:करापिता श्री श्री श्री (65) 6. पंच धातु प्रतिमा लेख:-- - संवत 1476 वैसाख वदि 2 श्रीऊकेशवंशे छाजड़गोत्रे सा. खेता पु. प्रासधर पु. करमा भा. करमादे पु. भारमलेन भा. भरमादे पु. सहसा 'सुश्रीग्रादिनाथबिंब कारितं आत्मश्रेयसे प्रति. श्रीपल्लीवालगच्छे श्रीयशोदेवसूरि / 17. पंच घातु प्रतिमा लेखः-- // सवत् 1517 वर्षे माघ वदि 5 दिने श्रीउपकेशगच्छे श्रीकुकुदामार्यसंताने श्रीउपके शज्ञातौ विंचर गोत्रे सा. दादू पु. सा. श्रीवस पु. सा.