________________ 10 ] . बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख (40) 20. चौबीस ग्रामों की पठाल पर प्रतिष्ठा लेख: // 60 / / श्रीलक्ष्मीराणी विलास वक्षतमान श्रीकोटड़ा खेरपुर पृथ्वीराज नराधिप............. . वंदित खरतर साधु चुडामणि श्रीमजिनचन्द्रसूरि सुगुरु पिढ़िपादश स्तुतिः / / 1 / / संवसारं मुनि प्रहग्म रासंदुमान / विशाख मासि सितम नवमी प्रधराना सिध वरणो धर्मशालो पठाल // 2 // युग्मं / / संवत 1614 वर्षे वैशाख सुदि 6 तिथौ बुधवार श्रीकोटड़ा नगरे / / राणा श्रीपृथ्वीराज विजयराज्ये। श्रीवृहद्खरतरगच्छे श्रीजिन भद्रसूरि-संताने श्रीजिन चन्द्र सूरि, श्रीजिनसमुद्रसूरि श्रीजिनहंससूरि श्रीजिनमाणिक्यसूरि पट्ट पूर्वाचलसह सूकरावतार श्रीजिनचन्द्रसूरि सूरीश्वर प्रवरधर्म कषानुयोग श्रवण प्रवरण श्रवणान वसति करावण जात श्रीजैन। श्रीसुविदितणा हंसघन निर्मापिता पौषधशाला श्रीमद्देव गुरुप्रसादिना चन्द्रार्क चिरंजयतात् / श्रीरस्तु कल्याणमस्तु / / श्री: श्री: श्रीः ग्राम कोरना यह ग्राम बालोतरा प्रागोलाई बस मार्ग पर है / यहां पर एक जैन उपासरा है। यहाँ पर तातेड़ों का एक मन्दिर बनाया हुअा है / वह मन्दिर अधूरा है / जागीरदारों से लड़ाई-झगड़ा होने पर गाधैया डाल कर तातेड़ यहाँ से चले गये थे। मन्दिर की बनावट सुन्दर है। 1. उपासरा निर्माण का लेख: ॥श्री पारसनाथजी सहाय छ / उपासरों पंचो महाराजा श्रीभीमसिंहजी री वार में करायो जागीरी ईदा श्रीजोतिघजी री में / / / / भीमों दुगड़ गोत्र सा. वाता भ्राता खेता फता। लिखत जगन्नाथजी गौड़ / सं. 1854 रा वैसाख सुद 3 करायो। (42) 2. पंच धातु प्रतिमा लेख-भाषा गुजराती: