________________ 106 ] ... बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख (508) 7. स्तूप की देहली के नीचे के हिस्से पर:-- सं . वर्षे . सुदि 5 दिन रविवारे श्रीनगरे राउल श्री....विजयराज्ये प्राचार्यश्रीकीतिरत्नसूरिसन्तानीयोपाध्याय श्री५श्रीक्षान्तिरत्नगरिण ..... रामचन्द्र-मेघराजसहितेन कारितं श्रीरस्तु। (506) 8. जिनकीतिरत्नसूरि-पादुका: वि.सं. 2008 मार्गशीर्ष शुक्ल 1 गुरो श्रीखरतरगच्छेश्रीजिनकीतिरत्नसूरिचरणपादुका श्रीसंघेन कारिता श्रीजिनरत्नसूरिणा च प्रति. (510) . . 6. जिनकीतिरत्नसूरि मूत्तिः-- वि. सं. 2008 मार्गशीर्ष शुक्ल 1 गुरो मेवानगरे जनसंघेन श्रीजिनकीतिरत्नसूरिश्वराणांमूर्ति कारिता श्रीरत्नसूरि प्रतिष्ठिता च सुविहित श्रीखरतरगच्छाचार्य श्रीजिनकृपाचन्द्रसूररिणां शिष्य श्रीजिनजयसागरसूरीश्वराणामुपदेशेन श्रीजिनकीतिरत्न-स्तूप जीर्णोद्धार निर्मापितः / . . (511) . 10. जिनकृपाचन्द्रसूरि-पादुका : _ वि. सं 2008 मार्गशीर्ष शुक्ल 1 गुरु मेवानगरे श्रीखरतरगच्छसंघेन खरतरगच्छाचार्य श्रीजिनकृपाचन्द्रसूरिपादुका कारिता श्रीजिनरत्नसूरिरणा च प्रतिष्ठिता (512) - : ... ..... 11. जिनजयसागरसूरि-पादुका : वि. सं. 2008 मार्गशीर्ष शुक्ल 1 गुरु मेवानगरे श्रीखरतरगच्छसंघेन खरतरगच्छाचार्यश्रोजिनजयसागरसूरिपादुका कारिता श्री. जिनरत्नसूरिणा च प्रतिष्ठिता। श्रीनाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ मेवानगर के परिसर में स्थित श्री रणछोड़रायजी के मन्दिर में राठौड़ क्षत्रियों की ऐतिहासिक प्रशस्ति .. (513). 1. ॐ नमः श्रीगणेशाय नमः / सूरिजवंशी कनोजीमा राठोड़