________________ () आरतीमंगलकीजेरे / सनात्रपूजा वलि साचवी / तत्वसुधारसपीजेरे // वा // ए॥णपरतपाराधतां / पुरगतिकारण. देरे / चवदहरङ्गुसिरोमणि / जीवनदयगतिवेदेरे ॥१०॥वा॥ तपाराधनविधलणी / आगमवचनेजोईरे / जवियणपिण तुमे आदरो / ज्युं नवज्रमण न होईरे // 11 // वा // (कलश) इम सयलसुखकर गबखरतर तपे रविजिमकांतए / सोलाग्यसूरिमुणिंद इणपर कह्यो पूर्ववृत्तांतए / संवतअगरे वरशविन्न नयरश्रीबालूचरे / एस्तवनलणतां श्रवण सुणतां सयलमनवंलि. तफले // 15 // इति चवदेपूर्वस्तवनं संपूर्णम् // - // अथ तिलकतपस्तवनं लिख्यते // - दूहा * सासणदेवीसारदा / वाणीसुधारसवेल / बालक हितलणीबगसिये / सुबुधिसुरंगीरेल // 1 // नवअंगे जिनपूजतां / मनलहि सुलपरिणाम / तपतिलके फल पामियें / दवदंतीगुणधाम // 2 // ' // ढाल // 1 // वीरजिणेसरउपदिसे एदेशी // // कमलाजिमकुमणपुरे / नुजबलनरपतिजीमोरे / पदमनीपदमसुवासना / श्वेतगजस्वप्नीमोरे // पदम // 1 // परतख्यफल एपुन्यना / प्रसवीसुता पूरेमासेरे / दवदंतीनामदीपतो / गुणमणीबुद्धिप्रकाशेरे // पदम० // 2 // चौसठकलाविचक्षणा / रूपगुणेकरीरंजारे / देवगुरु धर्मदीपावती / व्रतधारी दृढबंना रे॥ पदम० // 3 // प्रतिमापूजे श्रीसांतीनी, देवेदीधी त्रिकालो रे। मातपिता प्रमोदसुं // स्वयंबर वरमालो रे // पदम // 4 // अकाधिपश्रीनिषदनो / नवलिखीयो निलामेरे / आनंदसुं