________________ (5) ग्रंथांक. विषय. कानुं नाम. पृष्ठ. 5 श्रुतश्रतिहिजसो ज्ञान स्तम् उक्षमाकट्या० 170 76 मेरे मन मानी ज्ञान ज्ञान स्तन वालचंदजी 171 77 थांपरवारिहोजि स्त० जिनकृपाचंदसू०१०१ श्रीरिषनजिनेसर० स्त० जिनकृपाचं० 15 नए वांदिवीरजिनेसर समेतसिखरसरा वालचंदजी 173 ए. झषनप्रमुख जिण मुनिमालिका चारित्रसंघजी १ए। ए१ वेकरजोमीवीनकुंजी आलोयणस्त उसमयसुं० १एन ए सकलसिधिदायक आलोयणबृहत् स्त विनयविजय 201 ए३ स्वामीरिसहेसरु केसरियाजीस्त जिनकृपाचं० 200 ए। दरसणकीयोआ केस स्त जिनकृपाचं० २०ए एए श्रीरिषनजिनेसर केसरि स्त० जिनकृपाचंद० २०ए ए६ श्रीसंनवजिनराया स्त० जिनकृपाचं० 210 ए थांपरवारिहोजि० श्रीधुस्त जिनकृपाचं० 210 एन सुणोजी जिन करेमापास्त जि० कृपा० 211 एए श्रीअजितनाथज० स्त जिनकृपाचं० 212 100 सांतिजिनंदनेसेवोरे स्त जिनकृपा० 215 101 सुनोशिवपुरस्वामी स्त० जिनकृपाचं० 213 105 वीरजिनेंददिणेद अमाहिस्त जिनकृपा० 14 103 सिधारथकुलदिन कल्याणकस्त जिनकृपा० 17 104 स्वस्तिश्रीसंपदकरणसत्तावीसनवस्त जिनकृपा० 223 105 श्रादिजिणेन्ददिनेंदस तेरलवस्त जिनकृपा० 227