________________ (45) // 13 // श्रीसुजातजिनपांचमो / बो स्वयंप्रनस / रिषनाननजिन सातमो / समरीजे निसदीश // 14 ॥दी० // अनंत वीरजजिन आठमो। ए च्यारे जिनराय / पूरब धातकीखममें / महाविदेह रहाय // 15 // दी० // पहिली चिहुँ जिननी परे / विजय नगर दिशि गण / तिण हीज नामें अनुक्रमें / विजय मेरु अहिनाण // 16 // दी० // नवमो सूरमनु नमुं / दशमो देवविशाल / इम वज्रधर ग्यारमो / त्रिकरणनमुं त्रिदुंकाल // 17 // दी० // बारमो चंजाननजिन / पछिमधातकी मांहि / विचरे च्यारे जिणवरा / अचलमेरु नांहि ॥१०॥दी॥ एहवो धातकी खंमए / परदक्षणा परकार / अग्लखजोयणविंटीयो, समुज कालोदधि सार // 17 // दी० // // ढाल 3 // पहिलि प्रतिमा एकणमासनी० ए चाल / // कालोदधिने पेलेपारए / वीट्यो चूमी जेम विचालए / सोलहलख जोयण विसतारए / दीपपुष्करवर अतिसुखकार ए॥ नबालो // सुखकार पुष्करदीपत्रीजो तेहनें आधेपगे। विचपड्यो परबत मानुषोत्तर मनुष्यदेवतहांलगे / तिण अधिकार आठ लाख / जोयण अरधपुष्कर एमए / तिहाँ करमनूमी उए कहीजे धातकीखम जेमए // 20 // // ढाल // आधेपुष्करने पूरबदिसे / मंदरनामें मेरु तिहांवसे / पछिम विजुमाली मेरु ए। इहां किण इतरो नामें फेर ए॥ उबालो॥ फेर ए इतरो इहां नामें अवरगमें कोनहीं। एक एक मेरे तीन तीने करमजूमी तिहां कही। श्म नरत ऐरवत महावि.