________________ (37) . मसेती नवां बिलकरो सुखदैती, चेतरमासवहेती, नवोलिशुधनावेलेति इक्याशीविल सहुहेति बोधवीजनीखेति, श्रीश्रीपालने मयणाराणि हरषजरि हियमे हुलसाणि नवपद ध्यानधराणि, नवपदनीनित्य स्तवनाजाणि करोनविकजन शास्त्रप्रमाणी आगममांहि गवाणि // 3 // त्रएटंकपांचशक्रस्तवकीजै दोयटंकआवश्यकलीजै काउसग्गनितकीजै, खमासमण शुध चितमां धारो प्रदक्षिणाकरी गुणसंजारोजिमलूटेजवलारो, देवीचकेसरिसांनिधकारि विमलेसरपूरेसहमारि सिद्धचक्रविधिसारि,श्रीजिनकृपाचं सूरि नाखे जिनआणा मनमाहिराखे नवि सिवसंपदाचाखे // 4 // // इति नवपद थुश् संपूर्णा // अथ नवपद थुइ // “सिरिसिझचक सेवो नवियां, सुह संपय पावोअविचलिया // 1 // सिरिअरिहाइ नवपयकावो, चनवीसजिणवश्गुणगावो // 2 // नवांबिल नवोलीकरिये, गुणनोजैति काउसग्ग धरिये // 3 // तीनटंक देववंदन कीजै, जिनकृपाचंजसूरि जशलीजै // 4 // इति नवपद शुश्॥ सांतीनाथनी थुइ // सांति जिनराया सर्वजीवसुक्खदाया, अचिरादेमायाजा. सुसोवन्नकाया, विश्वसेनराया, जास गुणगणसोहाया, मृगलंबन पाया मोदमंदिर सिधाया // 1 // पदम वासु विसाला रक्त वर्णेसुहाला, चंप्रनुधवला सुविधिजिन सुक्खसबला, मुनिसुबत सामला नेमी जिनराज काखा, महिपारस नीला सोलजिन