________________ (शएए) देवने पारवतीनारी, करतापुरुषकहावै // अहनिसमहिलमसां. णमेवासो, निहालोजनखावेरे // प्रा० // क० // 16 // सहसकिरणसूरजपरतापी, रातदिवसरहे अटतो, सोलकलाससीधर जगचावो, दिन 2 जायेघटतोरे // प्रा० // कः // 17 // श्मअनेक खंड्यानरकरमें, नांज्या ते पिणसाजा // इन्धिहरषकरजोमीनेविनवै, नमो 2 कर्ममहाराजारे॥प्रा०॥क० // 10 // इतिकर्मसकाय संपूर्णम् // // अथ सातविसनकीसज्झाय लिख्यते // सातविसननारे संगमतकरो, सुणतेहनोसुविचार विवेकी // सातनरकनारे लाइसातेई, आपैऽरकअपार विवेकी // सा० // 1 // प्रथमजूवानेरे विसनपड्यांथकां, पांमवपांचप्रसिद्ध विवेकी // नलराजापिण इणविसने पड्यो, खोइसहूराजरिख वि० // सा // 2 // दूसरेमांसलक्षण अवगुणघणा, करै परजीवसंहार विवेकी // महासतकनीनारीरेवती, नरकगइनिरधार विवेकी वि०॥ सा // 3 // तीजेमदिरापानविसनतजी, चितधरीवलिचाह वि०॥दीपायणरिषि दूहव्योजादवे, धारकानो, थयोदाह वि०॥ सा० // 4 // चोथेविसने वेस्याघरवसैलोकमेंनरहेलाज वि०॥ कयवन्नादिकनोगयोकायदो, कुवि सनेरे काज वि० // साम् // 5 // पापाहे कुविसनसाचवैप्राणीहणियेप्रहार वि० // मारीमृगली श्रेणिकनृपगयो, पहलीनरकमकार वि०॥ सा० // 6 // बच्चोरीने विसनेकरी, जीवलहेमुरकजोर वि० // मुंजदेवराजायेंमारियो, चावोढुंमकचोर // वि०॥ सा // 7 // परस्त्रीसंगत कुविसनसातमें,