________________ (26) मुफलब्धै मोदकमिट्या हुँ०, कहोनेतुम्हे किरपालरे ढुं० // लब्धिनही वचताहरी हुँ०, श्रीपतिलबधिनिहालरे ढुं० // 7 // ढं // एलेवो जुगतोनहीं हूं, च्यात्या परवनकाजरे हुं० // इंटनिवाहेजायने हुं० चूरे करमसमाजरे ढुं० // // ढं० // आणीचढती लावना हुंग, पांम्योकेवलनाणरे हुँ // ढंढणशषि मुगतेगया दु०, कहे जिनहीं सुजाणरे हुं // ए॥ ढं॥ इतिढंढणशषिसज्काय संपूर्ण // // अथ धन्नाऋषी सज्झाय // श्रीजिनवाणीरेधन्ना, अमियसमाणी मोरानंदन, मनमोतो मानीरे नंदनताहरै // 1 // तूं अतहिवैरागीरे धन्ना, धरमनोरागी मोरानंदन माहरोतो मनमोरे किमपरचावसुं // 5 // दसदिसीदीसेरे धन्ना, तोविनसूनी मोरानंदन, अनुमतिदेतारे जीववहेनही // 3 // बत्तीसैनारीहो धन्ना, अतहिपियारी मो० // वाणीतो बोलेरे मधुरसुहामणी // 4 // बालकतो कामणीरे धन्ना, वयपिणतरुणी मो० // गजगतिचालेरे चालसुहावणी // 5 // एघरमंदिरहो धन्ना, एसुखसज्या मो० // कोमबत्तीसे धननोतूंधणी // 6 // एधनमाणोरे धन्ना, वयपिण जांणो मो० // नोगविलेज्योरे लोगसुहामणो // 7 // व्रतअतिदोहिलोरे धन्ना, नहियसुहेलो मो० // सुगमनही रे साधुकहावणो // 7 // घर निदाहो धन्ना, गुरुतणी शिक्षा मो० // कहणीरे रहणीनहीनेसारखी // ए॥श्कवारे सुणीयेहो धन्ना, आगमजणीये मो० // जिनवरजांणेहो मुक्करजोगवै // 10 // वनवासैरहणो हो धन्ना, परीसहसहणो मो० // कोमलकेसारे