________________ (20) वली तेहनीपूंछेदोमेरे // मारा // 5 // वैतरणीनदीमा लई. आवे / वली पाणीमांजबकांवेरे // मारा // ए कर्मतणांविपाक माहेमांहे मलीजावेरे // मारा० // 6 // करे कुहामाराखे। वली वचन बिहामनाजाखि // मारा // दनदनकरतां / वली पापनीराशे वतारे // मारा // 7 // समलीने रूपे आवे / वली वायसरूपसुहावरे // मारा // वाघसीहनारूप जेकरतां / यश् चीतारूपेतामुकेरे // मारा // // श्मअनेक हिंसारीजीव / म परमाधामीरूपरे // मारा // वीरलाषे पन्नरेनेदे / करेमुक्ति धर्मश्रीसुख वेदेरे // मारा // ए॥ // दोहा // श्म दसप्रकारनीवेदना / कहिनरके जिनराय / शीतनपणनी वेदना / केवलीसे कहि न जाय ॥१॥जुख तृषातसें वेदना / परज वेदनाअत्यंत / परवशताज्वरतापणुं / दाघज्वरपामेअनंत ॥शालय शोक तेहने घणो / श्म ते नारकी जाम / वीर जिन इणीपरेलासता / सुणतां गौयमस्वाम // 3 // // ढाल चोथी // सुणसाहेबजी परमातमपुजार्नु फल मुजआपो-एदेशी // होसुणगौतमजी।वीरपयंपे नरकतणांमुःखनिवारता,परनारीतणी जे संगकरता। वली पापथकीप्राणीनवी मरता।जमरायनीसंकानविधरता सुणश्रोताजी। नरक तणांमुःखसांजलतां हमुंकमकमे॥१॥गुणवंताजी।वीरतणीवाणी सांजलतां धर्म खजानो तेनरे। ए आंकणी लोहतणीपुतलीतपावे। अतिअग्निमयकरावे / तस आलिंगनतेहकरावे ने सुण गु॥२॥ पांचसेजोजन जंचाउगलेगे / तेहने ते गुंमपगमे / फरीतेदनीवाहे ते