________________ (206) उत्सूत्रतो, कुमतिकदाग्रहनेवशेए, वलीयाप्योउत्सूत्रतो // 5 // घड्यांघमाव्यांजेघणांए, घरटीहलहथीयारतो, नवनवमेली. मूकीयांए, करताजीवसंहारतो // 6 // पापकरीनेपोषियाए, जनमजनमपरिवारतो, जनमान्तरपहोतापलीए, कोइनकीधीसारतो // 7 // आलवपरजवजेकरयांए, एमअधिकरणअनेकतो, त्रिविधत्रिविधवोसिरावियेंए, आणिहृदयविवेकतो॥७॥ मुष्कृतनिंदाएमकरीए, पापकस्यांपरिहार, शिवगतिआराधना तणोए, एबोअधिकारतो॥ ए॥ // ढाल 6 // ॥आदरतुंजोइनेंआपणीएदेशी॥ धन्यधन्यतेदिनमाहरो, जिहांकीधोधर्म, दानशीयसतपत्राचरी, टाट्यांपुष्कर्म // ध // 1 // शत्रुजयादिकतीर्थनी, जे. कीधीयात्र, युगतेंजिनवरपूजीया, वलीपोख्यांपात्र // // // पुस्तकज्ञानलखावियां, जिणहर जिणचैत्य, संघचतुर्विधसाचव्या, एसातेखेत्र ॥ध० // 3 // पमिक्कमणासुपरेकस्यां, अनुकंपादान // साधुसूरिजवळायनें, दीधांबहुमान ॥ध // 4 // धर्मकारजचनुमोदिये, एमवारंवार, शिवगतियाराधनतणो, एसातमोअधिकार // ध० // 5 // नावजलोमनाणी, चित्तश्राणीगम, समतानावेंनावीयें; ए आतमराम // 6 // ध० // सुखकुःखकारणजीवनें, कोशवरनहोय, कर्मापजेबाचस्यां, जोगवियेसोय // ध० // 7 // समताविणजेशनुसरे, प्राणीपुण्यनांकाम, गरऊपरलीपणुं, छांखरचित्राम // ध० // 7 //