________________ (167) एगुणगायां कोटमरोटवसंदाहे, नरनारीगावे वंचितगावे शनिसिद्धिनितवाधंदाहे, 10 इति दादाजीगगरनिसानी संपूर्णम् // // इग्यारसनो दोयढालनोस्तवन लि०॥ // हा // स्वस्तिश्रीमंगलकरण / हरणतापजिणचंद / वीरजिनेंददिनेदसम / प्रणमुंधरियानंद 1 गौतमत्रादिगणधरा / श्रुतकेवलि सुविहाण / त्रिकरणयोगेवंदता / पामेकोमकल्याण 2 एकादशी तिथि वर्णदुं / शास्त्रतणे अनुसार / विधिपूर्वक श्राराधतां / पामेनवनोपार 3 ढालपहली पणियारी नी / / नेमिजिनेसरउपदिशै, सुखकारिरलोय सांजले कृष्णराजान बालागे घारिकानगरीसमवसस्या सु रेवताचलगद्यान वा० 4 // पर्वाराधन फलकह्यो सु० सांजलेपरषदा वार वा० पर्युषणचनमासानला सु० नवपद लीसार वा० 5 // पंचमी बीज आठमकही // सु० // जिनकल्याणकजाण ॥वा // एकादशी मजाणियै // सु० // पर्वाधिकमनबाण // वा० // 6 // मगसरसुदिएकादशी // सु० // पर्वमाहिश्रीकार // वा // अरनाश्रदीदाग्रही // सु० // पाम्यानवनोपार // वा // 7 // माविजन्मसंजमलियो / सु० // पाम्योकेवलज्ञान // वा // नभिनाथनेऊपनो ॥सु०॥ केवलनाण प्रधान // वा ॥॥पांचक-- ट्याणकअतिजला // सु०॥ श्रया इणनरतमकार // वा० // तिमहिज ऐरवतक्षेत्रमा // सु॥नाखेजगदाधार // वाए॥ पांचजरत ऐरवतवति // सु // पांचकल्याणकजाण // वा // दशखेत्रना इमजाणियै / / सु // पचाशकट्याणकाण // वाण // 10 // तीनकाल गिणतांथकां ॥सु० // दोसे कल्याणक