________________ (13) इसोधूलेवरोमगाजी / सदा केशरानाथरीजीतवाजी // 11 // उहा // याविधकलियुगजगजणा / तास्याकेश जिनराज / दीप विजयकविराजकू / महेरकरोमहाराज // 55 // मोतीदाम बंद ॥तूंही नवनिघ तूंही अमसिझतूंही मनवंति वंग्तिऋचातूंही सिरदार तूंही किरतार / तूंही सरणागत दीनदयाल // 53 // तूंही कामकुंल तूंही कामधेनु / तूंही सुरवृक्ष तूंही ममसेन / तूंही दाणावर्तदायक देव / तूंही विसराम तूंही वमसेव ॥५॥तूंही ममप्राण आधारजरूर / तूंही ममचितदायकनूर / तूंही ममनूप तूंही पतसाह तूंही मम ऋपनंमारश्रगाह // 55 // तूंही मममंत्र तूंही ममयंत्र तूंही ममसत्य तूंही ममतंत्र / तूंही गबनायक तूंही श्रीपूज्य / तूंही ममपूज्य तूंही जगपूज्य // 26 // चाल लावणी // नाथधूलेवाकीरतसुणके / देशदेशनृप आवतहे / केशरमें गरकाबरहतेहे / केशरनाथकहावतहे // 27 // सहर परगणे देशदिशावर / फिरेउहाई नाथनकी हिंमूसलवमराणाहाजर / पूरे चितसबमनकी // 5 // जलवटथलवटवाटघाटमें / रणरावलपुखदूरहरे / इक चितध्याने जे नितसमरे / अखयखजानाअजरजरे // एए // धिधिमप धिधिमप धपमप धपमप / तालपखावतराजत हे। गमगमगम दौगमगमदौगम धोंधों नोवत वाजतहे // 6 // हिंदुपतिपतसाहऊदेपुर / नीमसिंहकेराजनमें एहलावणी खूबवणाई। सकलसंघकेसागनमें // 61 // संवत अढारपच्चोत्तरवरषै / फागुणसुदितेरशदिवस / मंगलके दिन दीपविजयकू दरशन परशन दोलसे // 65 // कलश // उप्पय बंद // समवशरण जगश