________________ (11) आयो / लह्यो नेद कह्यो वनियन / शेव श्राय जब नजरे देख्यो / चकित नयो हे तन मनपें // 28 // मध्यरातमे सुपनोदीनो / ज्ञषननाथकी मूरतहे / बहिर निकासो करोलापसी। जीतर मूरतपूरतहे // श्ए // नवदिनमें सबघावमिलासी ।मतकाढे तूं नवदिनमें / कियो शेग्ने हुकमप्रमाणे / आये संघबहु वचले / केइ लोककू मुक्करबाधा / कब प्रनुकोदरशनमिले // 31 // यू सब लोकां दरसतरसकी / कहे लोकमूरति काढो। लाओ लाओ महाराजकीमूरत / संघसबे लीनोमो // 3 // जवर दस्तसें दिवससातमें / लापसीबाहिर तबकीने / अंसरंस जर व्रणरहाए / संघ लोकदर्शनदीने // 33 // फिर सुपनेमें जव्यदिखायो / संघे मिलदेवलकीनो। मध्ये विराजे ऋषनतखत तेसठे / नाज सदाशिवराय / कियोधगानो पुष्टने, नाखूवरणवनाय // 35 // मोतीदाम बंद // सदा शिवराय चिंतेमनएह, खूटे बहुधाम जमीपरजेह / निसांपति नाथ धूलेवकहाय, खखोलगप्रव्य नंमारसुणाय // 36 // जावांअबलूंटण गामधू. खेव / ग्रहुँसबमाल जईततखेव / आया निजफोजलेई दखगाज तोपांदोयसाथ खियां बहुसाज // 37 // तंबुदोयलार लियेफिरं राज / नही इहकारण कृत्यअकाज // 30 // एतो वह जाजल देव कहाय / रहेनहींलाज तिहारियकाय / तबांफिरबोले सदाशिवजूप / ग्रहांसबमाल अबां चढीचूप ॥३ए। इसोकहिा