________________ ક્રિયાતિપત્યર્થ रतन निविष्य! સામાન્ય | ભવિષ્યકાળ जशी जज़ माताारम ज्ञाता जाग्यांत-त अजाग्यत-त ज्यान चालयांत |चन१,५२ अज्याम्यत अलिप्यत डी-१, 4, 2ia रिम' दौक-१, २मा रवी ढाक तन-१,परती / ततक्ष કરવું तद्-१०,6 मार ताइयायका छांयतः . डायध्यत दाकिन हाकिफायत साक्षलारम तयारिम / ताक्षष्यात तक्ष्यांत अडयिष्यत अदीकिष्यत अताक्षष्यत अतमान ताडायंताग्म-नाह ताडायप्यान ने अबादायष्यत्-त तन--(Biतारक जतान तन नियति-त अनिष्यत-त तन्ना-पान नपाउचक्र. तन्त्रयिष्यते अनयिष्यत जER 9955ज प सुोध संस्कृत धातु ३पापली HIJI-355