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________________ | | पीवा माटे | पीने / पीतो पीवातो | आ वन्दितुम् वन्दित्वा | वन्दमान वन्द्यमान वांदवा माटे | वांदीने | वांदतो वंदातो आ वर्धितुम् वृध्दवा / वर्धमान वृध्यमान | वधवा माटे | वधीने वधतो |वधातो | पीधेलु पीवायेखें पीवा योग्य | पीधेलु पीवायेखें | पीशे पीवाशे वन्दितवत् | वन्दित वन्दितव्य,वन्दनीय,वन्द्य | ववन्दान | | ववन्दान | वन्दिष्यमाण वन्दिष्यमाण वंदेलो | वंदायेलो | वांदवा योग्य वन्देलो वन्दायेलो | वंदनकरशे | वंदन कराशे वृद्धवत् / वृद्ध वर्धितव्य, वर्धनीय, वृध्य | ववृधान | ववृधान वर्धिष्यमाण वर्धिष्यमाण | वधेलुं वधायेलो | वधवा योग्य वधेलु |वधायेलु वधशे वधाशे हरण 1180 रत्वा उभय हर्तुम्हृ त्वा हरत,हरमाण | ह्रियमाण हृतवत् हृत हर्तव्य, हरणीय, हार्य | जहृवस् जहाण हर्ण्यत् ग्रंमाण हरण हरण हरण करातो | हरण हरण हरण करवा योग्य हरणहरणहरण हरण / करवा माटे करीने करतो करेलोकरायेलो / करेलो करायेला करशे कराशे | आ डयितुम् डयित्वा | डयमान डीयमान | डरितवत् | डयित डयितव्य / डिड्यान | डिड्यान डयिष्यमाण डयिष्यमाण उडवू | | उडवा माटे | उडीने | उडतो उडातो उडेलो | उडायेलो | उडवा योग्य उडेलो | उडायेलो | उडशेउडाशे | आ | भाषितुम् भाषित्वा | भाषमाण भाष्यमाण भाषितवत् | भाषित भाषितव्य, भाष्य बभाषण | बभाषाण भाषिष्यमाण भाषिष्यमाण | | बोलवा माटे | बोलीने | बोलतो बोलातो बोलेलो | बोलायेलो बोलवा योग्य बोलेलो बोलायेलो | बोलशे बोलाशे रम् आ रन्तुम् | रममाण रम्यमाण रतवत् रत रन्तव्य, रमणीय, रम्य / रेमाण | रेमाण रंस्यमाण रंस्यमाण | रमवा माटे | रमीने | रमतो रमातो रमेलो रमायेलो रमवा योग्य रमेलो रमायेलो | रमशे रमाशे लम् | आ| लब्धुम् लब्ध्वा | लभमान लभ्यमान लब्धवत् लब्धव्य, लभनीय, लभ्य | लेभान | लेभान लप्स्यमान | लप्स्यमान पामवा माटे | पामीने | पामतो / पामेलो पमायेलो | पामवा योग्य पामेलो पमायेलो | पामशे पमाशे वृत् | आ वर्तितुम् / वृत्त्वा,वर्तित्व वर्तमान | वृत्यमान वृत्तवत् वृत्त / वर्तितव्य, वर्तनीय, वृत्य | ववर्तान | ववर्तान | वर्तिष्यमान वर्तिष्यमान वर्तवू | | वर्तवा माटे | वर्तीने / वर्ततो वर्तातो वर्तलो / वर्तायेलो वर्तवा योग्य | वर्तेलो वर्तायेलो | वर्तशे वर्ताशे शुभ् | आ| शोभितुम् / शोमित्वा| शोभमान शुभ्यमाण शोभितवत् शोभित | शोभितव्य,शोभनीय,शोभ्य| शुशुभाण शुशुभाण | शोभिष्यमाण शोभिष्यमाण श्ज्ञोभवु, दीप, दीपवा माटे | दीपीने | दीपतो। दीपातो दीपेलो | दीपायेलो | दीपवा योग्य दीपेलो | दीपायेलो | दीपशे दीपाशे लब्ध पमातो
SR No.032789
Book TitlePadma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
PublisherPadmasagarsuri Charitable Trust
Publication Year2008
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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