________________ -: कृदन्तावली : हेत्वर्थ कृदन्त संबंधक भूत कृदन्त वर्तमान कर्तरि कृदन्त वर्तमान कर्मणि कृदन्त कर्मणि भूत कृदन्त परोक्षा क" पद। विध्यर्थ भविष्यत् कर्त परोक्षा कर्म मविकात् कर्म कतरि कृदन्त नंस्यत् 184 | पतिवस् पडाशे नम पर नन्तुम् नत्वा |नमत नम्यमान नतवत् नत नन्तव्य,नमनीय,नम्य | नेमिवस् नेमान नस्यमान् / नमवा माटे | नमीने नमातो नमेलो नमायेलो | नमवु जोई,नमवा योग्य | नमेलो नमायेलो नमशे |नमाशे पर पठितुम् पठित्वा पठत पठ्यमान | पठितवत् | पठित पठितव्य,पठनीय,पाठ्य | पेठिवस् पेठान पठिष्यत् पठिष्यमाण भणवा माटे | भणीने भणतो भणातो | भणेलो | भणायेलो | भणq जोइए भणेलो भणायलो भणशे भणाशे पर पतितुम् . पतित्वा / | पतत पत्यमान | पतितवत् | पतित पतितव्य,पतनीय,पात्य |पेतान पतिष्यत् पतिष्यमाण || पडवा माटे | पडीने पडतो पडातो पडेलो | पडायेलो | पडवा योग्य पडेलो पडायेलो रक्ष पर रक्षितुम् रक्ष्यमान | रक्षितवत् / रक्षित रक्षितव्य,रक्षणीय,रक्ष्य |ररक्षाण | रक्षिष्यत् / रक्षिष्यमाण रक्ष, | | रक्षवा माटे | रक्षीने | रक्षण करतो रक्षण करातो | रक्षण करेलो| रक्षण | रक्षतुं जोइए रक्षण रक्षण रक्षण रक्षण | करायेलो करेलो करायेलो | करशे कराशे वद् पर वदितुम् उदित्वा | उदितवत् | उदित वदितव्य,वदनीय,वाद्य उदिवस उदान | वदिष्यत् वदिष्यमाण बोलवा माटे | बोलीने बोलतो बोलातो बोलेलो | बोलायेलो | बोलवू जोइए बोलेला | बोलायेलो बोलशे बोलाशे वस् पर| वस्तुम् | उषित्वा | वसत् |उष्यमाण | उषितवत् | उषित। | वस्तव्य, वसनीय, वास्य ऊषिवस् ऊषाण | वत्स्य त् वत्स्यमान || रहेवा माटे | रहीने / वसतो,रहेतो| वसातो, वसेलो | वसायेलो वसवू जोइए,रहेवा योग्य वसेलो वसायेलो | रहेशे रहेवाशे राक्षित्वा | रक्षत रक्ष्यमान सातपप | ररक्षवस् वदत उद्यमान बोलवू