________________ आशीर्वचन मेरी यह हार्दिक अभिलाषा है कि श्री सोहनलाल पटनी का लिखा "श्री हम्तिकुण्डी तीर्थ का इतिहास" इस तीर्थ की प्रभावना में वृद्धि करे / मैं पुस्तक की सफलता की कामना करता हूँ। -पू. पं० भद्रङ्करविजयजी गणिवर जैन उपाश्रय, लगावा 24-10-72 ---- ----------