________________ OOOOOOOOOOO आशीर्वचन ज श्री सोहनलाल पटनी, प्राध्यापक, राजकीय महाविद्यालय, सिरोही का लिखा श्री हस्तिकुण्डी तीर्थ का इतिहास देखा / लेखक उत्साही है एवं उसका विवेचन सराहनीय है / हस्तिकुण्डी तीर्थ को मैंने देखा है एवं लेखक के प्रयास से मुझे प्रसन्नता हुई है / मैं पुस्तक की सफलता की कामना करता हूँ। 卐 (इतिहासवेत्ता पं. कल्याणविजयजी) पूनमियागच्छ उपाश्रय (ग्राहोर) 6-10-72 0 0 0 0 0 0 0 0 0 0 0