________________ श्लोकानुक्रमणिका / 1567 कुर्वद्भिरात्म 114 | क्रियेत चेत् 3323 / गता यदुत्सङ्ग / 198 कुलञ्च शीलं 1071 / क्रीणीष्व 387 | गर्भमेणमद 21126 कुसुमचाप 46 क्रौञ्चदुःख 21173 गलत्परागं 1192 कुसुममप्यति 4 // 91 क्लिन्नीकृत्या 201128 गिरः श्रुता 9/5 कुसुमानि 2059 क्वचित्तदा 15/12 गिरानुकम्पस्व 9 / 120 कूजायुजा 211109 क्क प्रयास्यसि 5/55 गीदेवता 10 // 51 कूटकाय 14191 क प्राप्यते 13339 गुच्छालय 7/16 कृच्छ्रे गतस्यापि 1478 क्वापि काम / 186 गुणानामास्थानी 1488 कृतं यदन्यत् 16157 क्वापि नापश्य 17 / 174 गुणा हरन्तो 6 / 105 कृताऽत्र देवी 12160 क्वापि यन्नभसि 2021 गुणेन केनापि 10 / 14 कृतापराधः 15/47 कापि यन्निकट 189 गुणौ पयोधे 22175 कृतार्थन 16187 क्वापि सर्वे 171100 गुम्फो गिरा 13.19 कृतार्थयन्नर्थि 15/68 कैतावन्नर्म 2017 गुरुतल्पगतौ 17143 कृतावरोहस्य 1123 क्षणनीरवया 2178 गुरुवीडावलीढः 174110 कृतिः स्मरस्यैव 101131 क्षणं प्राप्य 10185 गुरोरपीमा 101132 कृत्वा दृशी 838 क्षणविच्छेद 2018 गोत्रानुकूल्य 1159 कृपा नृपाणा 12 / 43 क्षणादथैष 1167 / गोवर्द्धनाचल 111107 कृष्णसार 1818 क्षत्रजाति 21163 गौरभानु 18122 केदारभाजा 7.35 क्षत्राणि रामः 22 // 131 गौरीव पत्या 783 केनापि बोधि 1737 तन्तुं मन्तुं 20154 गौरे प्रिये 22395 केयमर्द्ध 288 क्षितिगर्भधरा 181 ग्रन्थग्रन्थि प्रशस्ति 3 केशान्धकारा 723 क्षिप्रमस्यतु 181128 | ग्रावोन्मजन 17 / 36 कैटभारि 21147 क्षीणेन मध्येऽपि 781 | ग्रोवाद्भुतैवा 766 को हि वेत्ता 1161 क्षीरार्णवस्तव 11140 कौमारगन्धीनि 638 क्षीरोदन्व 12174 | | घने समस्ताप 1570 कौमारमारभ्य धनरमीषां 16.99 क्रतोः कृते 977 खण्डः किमु 11 घातितार्क 2179 ऋतौ महाव्रते 171200 खण्डनोदमृदि 211138 | घुसृणसुमनः 1938 क्रमाद्दवीयसा .175 खण्डितेन्द्र 54 / घृतप्लुते 161102 क्रमाधिका 15/49 / खवमाख्य 21126 क्रमेलकं 6 / 104 9 / 104 क्रमोदता 796 | गच्छता पथि - 53 | चकोरनेत्रेण 7 / 32 क्रियां प्राहृतनी 2011 | गतचर 19 // 30 / चक्रदार 1864 8158 | चकास्ति