________________ . . . श्लोकानुक्रमणिकाः। 1563 आदर्शदृश्यत्व 2073 | भासने मणि 14 // 31 / इति मनसि . 13354 आदाय दण्डं 2012 आसीदथर्वा 1075 | इति मुद्रित 2030 आदेहदाहं 43 आसीदसौ 10 // 109 | इति विधो 74 आद्यं विधो . 10142 आसीदासीम 12118 इति व्युत्तिष्ठ 20123 आद्यसङ्गम 1877 भासीद्यथा 2285 इति श्रति 12 // 13 आननन्द 17/199 आसुत्राम 15491 इति श्रुतेऽस्या 14143 आननस्य 18130 आस्त भाव 18113 इति श्रुत्वा 17120 आनन्दं हठ 20160 आस्तां तदप्रस्तुत 3152 इति स चिकुरा. 7104 आनन्दजाश्रु 11144 आस्तामनङ्गी 41 इति स विधु 2 // 135 आनन्दन्मदिरा 17 / 179 आस्ते दामोदरीया 12295 इति सा मोचया 201109 आनन्दयेन्द्र 8108 आस्यं शीत 221145 इति स्तुवन् 1066 आन्तरानपि 185106 इति स्तुवानः 101135 आस्यसौन्दर्य 2030 आप्तकाम 21121 आस्ये या तव 21140 इति स्फुटं 9/60 आप्यायनाद्वा 22 // 108 आह नाथ इति स्मरः 1899 16114 आभिभृगेन्द्रो 221111 आह स्म तद्विरा 20139 इति स्वयं 9 / 127 आभ्यां कुचाभ्यां 778 आह स्मैषा 14134 20129 इतिहशैस्तं आमन्त्र्य देव 20117 इतीन्द्रदूत्याः 6 / 101 आरोप्यते 22184 इङ्गिन्तेन इतीयमति 1875 आरोहणाय 1161 इज्येव देव इतीयमालेख्य 9155 आर्ये विचार्या 687 इतरनल 13353 इतीरयित्वा विरतां 97 आलापि कलया 201122 इतस्त्रसद्विदूत 12226 इतीरयित्वा विरराम 3153 आलिख्य सख्याः 6169 इति कियहचसैव 41100 | इतीरिणाऽऽपृच्छय 9 / 130 आलिङ्गन्यालिङ्गय 201155 इति तत्सुप्रयुक्त 2073 इतीरिता तच्चरणात् 1076 आलिङ्गितः 11398 इति तं स इतीरिता पत्र श६३ 3 / 67 आलिमात्म 5/54 इति तस्मिन् 17108 इतीरिते 14139 आलोकतृप्तीकृत 830 इति तस्या 20196 इतीरित 9/136 आलोच्य भावि 111115 इति त्रिलोकी 8184 इतीष्टगन्धा 104 आवाहितां 17171 इति विकृत्वः 163111 इतोऽपि किं 12 / 27 आशयस्य 21162 इति नसुर 8107 इतो भिया 12117 आशीविषेण 11020 इति पठति 21 / 127 | इतो मुखाद्वा 221102 आश्चर्यमस्य 111100 इति परिणय 16 // 129 | इत्थं पुन 6 / 111 आश्लेषलग्न 11 / 17 इति प्रतीत्यैव 9 / 101 | इत्थं प्रतीपोक्ति 6 / 108 आसते शत 5.00 / इति प्रिया - 1101 | इत्थं मधूत्थं इ इ 91 રાહક hr hr hr hos ro 850