________________ ज्ञानदर्शनचन्द्रार्कनेत्रस्य नरकच्छिदः। सुखसागरमग्नस्य, किं न्यूनं योगिनो हरेः॥ 6 // वर ज्ञान दर्शन सूर्य शशि सम नेत्र है जिनके परम। कर नाश नारक का मगन सुख में विराजे विष्णु सम॥ ऐसे मुनीश्वर ऋद्धिमान जगत शिरोमणि श्रेष्ठ है। नृप इन्द्र से सुर चक्रवर्ती से भी सब में ज्येष्ठ है। 6 // ज्ञान और दर्शन रूप सूर्य तथा चन्द्र जिनके नेत्र हैं। नरक गति रूप नरकासुर का नाश करने वाले, सुख रूप समुद्र में मग्न रहते 'मुनिराज' श्रीकृष्ण से क्या कम हैं ? He possesses the eyes of sun of right knowledge and moon of right perception. He has destroyed the chance of passing into hell as Vishnu destroyed the demons. : He dwells in the ocean of bliss. He is no less than Vishnu. {158}