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________________ करपलताविक अत्युक्तार्या सार्थक एको निरर्थको द्वौ प्रतिष्ठायां सार्थको द्वौ निरर्थक एकः सुप्रतिष्ठायां सार्थक एको निरर्थक एको गायत्र्यां सार्थको द्वावृष्णिहि सार्थकाश्चत्वारो निरर्थकास्त्रयोs. नुष्टुभि सार्थको द्वौ निरर्थक एकः बृहत्यां सार्थकाः पञ्च निरर्थकाश्चत्वारः पङ्क्तौ सार्थका खयो निरर्थक एकस्तुष्टुभि सार्थकाः षट् निरर्थक एको जगत्यां सार्थकास्त्रयो निरर्थकास्ता5 क्न्तोऽतिजगत्यां सार्थकाः सप्त निरर्थक एकः शकयों सार्थकाः पञ्च निरर्थकाश्चत्वारोऽति शकर्यां सार्थका अष्टौ निरर्थक एकोऽष्टौ सार्थकाः सप्त निरर्थक एकोऽव्यष्टौ सार्थकाः षट् धृतौ सार्थकाः सप्त अतिधृतौ सार्थकाश्चत्वारः / कृतौ सार्थका अष्टौ निरर्थक एकः / प्रकृतौ सार्थकास्त्रय आकृतौ सार्थकाः सप्त विकृतौ सार्थको द्वौ संकृतौ सार्थको द्वावभिकृतौ सार्थकास्त्रयः / शेषजातिद्वये सार्थकाश्चत्वार इति सार्थका द्वद्युत्तरं शतं निरर्थकाः 10 पञ्चविंशतिरिति सप्तविंशत्यधिकं शतम् 1 नि / 2 / 12 / 3 / 13 / 23 / 123 / 4 नि। 14 नि / 24 / 124 / 34 / 134 / 234 / 1234 / 5 नि / 15 नि। 25 नि / 125 नि / 35 नि / 135 नि / 235 नि / १२२५नि। 45 नि / 145 नि / 245 नि / 1245 नि / 345 नि / 1345 नि / 2345 नि / 12345 नि / 6 / 16 / 26 / 126 / 36 / 136 / 236 / 1236 / 15 46 नि / 146 / 246 / 1246 / 346 / 1346 / 2346 / 12346 / 56 / 15256 / 1256 | sssss | 356 / 1356 / 2356 / 12356 / . 456 नि / 1456 / 2456 / 12456 / 3456 / 13456 / 23456 / 123456 / 7 / 17 / 27 / 127 / 37 / 137 / 237 / 1237 / 47 नि / 147 / 247 / 1247 / 347 / 1347 / 2347 / 12347 / 20 57 / 157 / 257 / 1257 / 357 / 1357 / 2357 / 12357 / 457 नि / 1457 / 2457 / 12457 / 3457 / 13457 / 23457 / 123457 / 67 / 167 / 267 / 1267 / 367 / 1367 / 2367 / 12367 / 467 नि / 1467 / 2467 / 12467 / 3467 / 13467 / 23467 / 123467 / 567 / 1567 / 2567 / 12567 / 3567 / 25 13567 / 23567 / 123567 / 4567 नि / 14567 / 24567 / 124567 / 34567 / 134567 / 234567 / 1234567 / तत्र प्रस्तारो नप्रमुद्दिष्टं सङ्ख्या च यथा ज्ञायते तथा न्यासः सप्तभिर्विच्छेदैरबोधः क्रमेण चत्वारः पादा न्यसनीयाः / प्रथमा यत्यैको द्वितीयया द्वौ तृतीयया चत्वार इति क्रमेण सप्तम्या यत्या यावच्चतुःषष्टिः श्लोकाः समुत्पधन्त इति तदधस्तायतौ यतावेको
SR No.032756
Book TitleKalplata Vivek
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMurari Lal Nagar, Harishankar Shastry
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages550
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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