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________________ ( 125 ) से कामरूप पर्वत पर जा कर वे लोग सूर्यदेव की नियमपूर्वक आराधना में लग गये / तीन मास की अविच्छिन्न आराधना से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उनलोगों को दर्शन दिया। एक सौ दसवाँ अध्याय सूर्यदेवने वर मांगने का संकेत किया / तब प्रजाजनों ने यह वर मांगा कि राजा राज्यवर्धन का जीवन दश सहस और बढ़जाय तथा वे अपनी आयु भर नीरोग, शत्रुरहित, सुकेश और युवा बने रहें / सूर्यदेव ने 'तथाऽस्तु' कह कर अपने श्राप को अन्तर्हित कर लिया। प्रजाजनों ने राजधानी में आकर जब यह शुभ समाचार राजा और रानी को सुनाया तब रानी तो बहुत प्रसन्न हुई पर राजा चिन्तामग्न हो गये। चिन्ता का कारण पूछे जाने पर राजा ने कहा-"मैं इस बात से चिन्तित हूँ कि मैं अकेला तो दश सहस्र वर्ष तक जीवित रहूँगा पर मेरे स्वजन और प्रजाजन बीच-बीच में यमराज के अतिथि होते रहेंगे और इस प्रकार मुझे बहुत लम्बे समयतक इष्टवियोग का दुःख भोगना पड़ेगा "| राजा ने फिर कहा-"भाइयों ! यह निश्चय समझो कि दश सहस्र वर्षों की मेरी अायु मुझे तभी अच्छी लगेगी जब मेरे सभी स्वजनों और प्रजाजनों की भी वही आयु होगी। इस लिये मैं सोचता हूँ कि सर्वप्रथम मुझे इसी बात के लिये प्रयत्न करना चाहिये। इतना कहकर राजा रानी को साथ ले उसी कामरूप पर्वत पर जा सूर्यदेव की आराधना करने लगे / एक वर्ष तक निरन्तर अाराधना चलती रही। अन्त में सूर्यदेव की कृपा से राजा के स्वजनों और प्रजाजनों को भी दश सहस्र वर्ष की श्रायु प्राप्त होगई / तब राजा रानी-सहित अपनी राजधानी में लौटे और दश सहस्र वर्ष तक पुनः धर्मपूर्वक प्रजा का पालन किये। इस कथा से राजा और प्रजा की परस्परानुरक्ति और पारस्परिक हितैषिता का सुन्दर निदर्शन प्राप्त होता है। एक सौ ग्यारहवाँ अध्याय इस अध्याय में बताया गया है कि वैवस्वत मनु के इक्ष्वाकु, नभग, ऋष्ट, नरिष्यन्त, नाभाग, पृषध्र और धृष्ट-ये सात पुत्र थे / यद्यपि ये सभी पुत्र बड़े योग्य थे फिर भी इन सबों से भी श्रेष्ठ एक और पुत्र के निमित्त उन्होंने मित्रावरुण नामक यज्ञ किया। यज्ञ में कुछ अविधि हो जाने से पुत्र के बदले एक पुत्री पैदा हुई जिसका नाम इला पड़ा। मनु के प्रार्थना करने पर मित्र और
SR No.032744
Book TitleMarkandeya Puran Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadrinath Shukla
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1962
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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