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________________ "नाहर ( 3 ) २५-गुलेच्छों की सतावीस पीढ़ी २६-बप्पानाम गोत्र का शिलालेख २७-बलाह गोत्र रांका शाखा के शिलालेख २८-सुंचिति गौत्र संचेतियों का शिलालेख २९-रत्नप्रभसूरि और ओसवाल ३०-हेमवंत पट्टावलि और ओसवाल ३१-श@जय का शिलालेख अोर प्रोसवाल ३२-ओसवालों की उत्पत्ति और पूर्णचन्द्रजी नाहर ३३-ओसवालों की उत्पति और श्रा. श्री विजयानन्दसूरि 64 ३४-ओसवाल यह उपकेश वंश का अपभ्रंस है ३५-महाजन वंश के अठारह गोत्र ३६-आर्य गोत्र-लुनावतां की उत्पति और कसोटी ३७-भंडारियों की उत्पति और कसौटी ३८-संधियों की , " " ३९-मुनोयतों की , ४०-सुराणों की ४१-झाबकों की ४२-बाठियों की ४३–बोत्थरों की ४४-चौपड़ों की " " " ४५-छाजेड़ों की , ४६-बाफनों की " " " 47 राखेचा, 48 पोकरण, 49 कोचर, 50 चोरडिया, 51 संचेती वगैरह जातियों की उत्पत्ति और कसौटी।
SR No.032743
Book TitlePrachin Jain Itihas Sangraha Part 12 Jain Jatiyo ke Gacchho ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala
Publication Year1938
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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