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________________ ( 76 ) अब आगे चल कर आबु की यात्रा कीजिये कि आबु पर चौहानों का राज किस समय से हुआ जो यति जी ने वि० सं० 1170 के आस पास राजा सागर देवड़ा का राज होना लिखा है। हम यहां पहला तो आबु के पँवार राजाओं की वंशावलि जो शिला लेखों के आधार पर स्थिर हुई और पं. गौरीशंकरजी ओझा ने सिरोही राज का इतिहास में लिखी है बतला देते हैं / आबु के पँवार राजा | धुधक वि०सं० 1078 इस आबु नरेशों में किसी स्थान पर देवड़ा सागर की गन्ध तक भी नहीं पूर्णपाल , 1102 मिलती है अतएव यतिजी का लिखना एक उड़ती गप्प है कि “वि० सं० 1170 के कान्हादेव,, 1123 आस पास आबु पर पँवार भीम का राज 'ध्रवभट था और उस के पुत्र न होने से अपनी पुत्री का पुत्र सागर देवड़ा को आबु का रामदेव राज दे दिया था / " विक्रम ,, 1201 | अब आबु पर चौहानों का राज कब से हुआ पं० गौरीशंकरजी ओझा सिरोही यशोधवल राज के इतिहास में लिखते हैं कि नाडोल धारावर्ष . का कीर्तिपाल चौहान वि० सं० 1236 में जालौर पर अपना अधिकार जमाया।
SR No.032743
Book TitlePrachin Jain Itihas Sangraha Part 12 Jain Jatiyo ke Gacchho ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala
Publication Year1938
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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