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________________ जाटा सेणा ( 16 ) (10) मूल गोत्र ( सुंचंती संचेती साचेती) संचेति हुकमिया | मरुवा / भोजावत ढेलडिया कजारा घरघटा काटी धमाणि हीपा उदेचा मोतिया गांधी लघु चौधरी | तेजाणि बिंबा बेगाणिया | चोसरिया सहजाणि मालोत कोठारी बापावत लालोत गालखा संघवी मन्दिर वाला चोधरी छाछा मुरगीपाल मालतीया पालाणि चितोडिया कीलोला / भोपावत लघुसंचेति | इसराणि लालोंत गुणिया सोनी खर भंडारी एवं कुल ४३शाखाएँ (11) मूलगौत्र-अदित्यनाग (उ० वि० 70 वर्षे ) चोरडिया-गुलेच्छा-पारख-गइया-सावसूखा भटनेरा वुच्चा वगैरह इस गौत्र की मुख्य शाखाए हैं। जैसे कि (A) चोरडिया (वि० सं० 202 से) संघवी . कामाणी | नागोरी / दफ्तरी उड़क दुद्धाणो पाटणिया चोधरी सोठिया सीपाणी छाड़ोत तोलावत मसाणिया आसांणी ममइया राव मिणियार सहलोत - बोहरा जवेरी कोठारी देदाणी खजानची | गलाणी बाबरिया लघु सहलोत सौनी सराफ रामपुरिया / हाडेरा मंत्रि | मेहता
SR No.032743
Book TitlePrachin Jain Itihas Sangraha Part 12 Jain Jatiyo ke Gacchho ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala
Publication Year1938
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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