________________ (2) मूलगोत्र बप्पनाग:-( उत्पति वीरात् ७०वर्ष) बाला / बाफना बहुफणा नाहटा भोपाला भूतिया धातुरिया तिहुपणा कुरा भाभू नवसरा . मुगड़िया डागरेचा चमकिया - चोधरी जंगड़ा कोटेचा शुकनिया वेताला सलगरणा | बचाणि साबलिया तोसटिया गान्धी कोठारी खोखरा पटवा दफ्तरी घोड़ावत कुचेरिया बालिया संघवी सोनावत सेलोत भावड़ा लघुनाहटा पंच भाया हुड़िया टाटिया ठगाग चमकिया बोहरा मिठड़िया मारू रण धीरा ब्रह्मेचा पाटलिया वानुजा ताकलिया योद्धा धारोला दुलिया वादोला एवं कुल 53 तेपन शाखाएँ हुई। (3) मूल गोत्र कर्णाट: - ( उत्पति वीरात् 70 वर्षे ) करणावट वागड़िया संघवी रणसोत. आच्छा थंभोरा संखला दादलिया गुदेचा. भीनमाला .. जीतोत एवं कुल 14 | काकेचा / लाभांणी . / शाखाएँ हुई। हुना