________________ तौर पर कुछ सर्व साधारण के विश्वसनीय प्रमाण उद्धृत कर दिये जाते हैं। उएशपुरे समायती-उ० ग० पट्टावलीः / उकेशपुरे वास्तव्य-उपकेशगच्छ चरित्र श्रीमत्युपकेशपुरे-नाभिनन्दनोंद्धार / उएशवंशे-चण्डालिया गोत्रे-शिला लेखांक 1285 + उकेशवंश-जांगड़ा गोत्रे , , 480+ उपकेशवंशे-श्रेष्टा गोत्रे , 1256 / उएशगच्छे-श्री सिद्धसूरीभिः लेखांक 558 * उकेशगच्छे-श्री कक्कसूरिसंताने लेखांक 1044* उपकेशगच्छे-श्री ककुदाचार्यसंताने लेखांक 155 * इस प्रकार तीनों शब्दों के लिए सैकड़ों प्रमाण विद्यमान हैं और इससे यह सिद्ध होता है कि पहिला उपकेशपुर, बाद उपकेशवंश, और उसके बाद उपकेशगच्छ नाम संस्करण हुआ है और इन तीनों के आपस में घनिष्ट सम्बन्ध भी है। सारांश १-जिसको आज हम ओसियां नगरी कहते हैं उसका मूल नाम उपकेशपुर है / और उस उपकेशपुर का अपभ्रंस ओसियां + बाबू पूर्णचंद्रजी सम्पादित (r) आचार्य बुद्धि सागरसूरिसम्पादित /