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________________ जैन इतिहास ज्ञान भानु किरण न० 12 जैन जातियों के गच्छों का इतिहास (विभाग पहिला) जहाजन संघ का इतिहास इस बात को सिद्ध कर रहा - है कि महाजन संघ की उत्पत्ति वीरात् 70 वर्षे उपकेशपुर ( ओसियां ) में आचार्य रत्नप्रभसूरी के कर कमलों से हुई थी। जिसको आज 2394 वर्ष हुए हैं। उएश-उकेश-उपकेश ओसवंश और श्रोसवाल ये सब महाजन संघ के पर्यायवाची नाम हैं। ___वीर निर्वाण के पश्चात् 373 वर्षे उपकेशपुर में एक ऐसी दुर्घटना हुई कि प्रभु वीर भगवान की मूर्ति के वक्षः स्थल पर रही हुई ग्रंथियों को कहीं नवयुवकों ने एक सुथार द्वारा छिदवाने का दुःसाहस किया जिस कारण देवी का कोप होकर नगर में हा-हा कार मच गया। आचार्य कक्कसूरि ने उसकी शान्ति करवाई। पर उस समय से उपकेशपुर के कई जैन उपकेशपुर को त्याग कर अन्य नगरों में वास करने को निकल पड़े। और अन्य नगरों में वसने के कारण वहां के लोग उन उपकेशपुर से आये हुए लोगों को उपकेशी कहने लगे तथा आगे चल कर वे ही लोग उपकेशवंश के नाम से प्रख्यात हुए / यह बात सादी एवं सरल
SR No.032743
Book TitlePrachin Jain Itihas Sangraha Part 12 Jain Jatiyo ke Gacchho ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala
Publication Year1938
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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