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________________ श्री-गोडी-पार्श्वनाथाय नमः श्री-महावीर-स्वामिने नमः प्रभु-श्रीमद्-विजय-राजेन्द्रसूरीश्वराय नमः श्रीमच्छीलाङ्काचार्यकृतटीकासहितम् श्रीसूत्रकृताङ्गम् सूत्रम् आ. श्री जवाहरलालजी म. के तत्त्वावधान में पंडित अंबिकादत्तजी ओझा व्याकरणाच्चार्य द्वारा अनुवादित प्रथम श्रूतस्कन्ध भाग : २ अध्ययन से १६ तक (संस्कृत छाया, अन्वयार्थ, भावार्थ और टीकार्थ सहित) दिव्याशिष . श्री विद्याचन्द्रसूरीश्वराः • श्री रामचन्द्रविजयाः पुनः संपादक मुनिराज-श्री-जयानन्दविजयादि-मुनिमण्डलः प्रकाशिका गुरुश्रीरामचन्द्रप्रकाशनसमितिः-भीनमालः (राज.) म. मुख्य संरक्षक (१) श्री संभवनाथ राजेन्द्र सूरि जैन श्वे. ट्रस्ट, कुंडुलवरी स्ट्रीट, विजयवाडा. (A.P.) (२) मुनिराज-श्री-जयानन्द-विजयस्य निश्रायां २०६५ वर्षे चातुर्मासोपधानकारितनिमित्ते लेहर कुंदन ग्रुप मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हरियाणा श्रीमती-गेरोदेवी-जेठमलजी-बालगोता-परिवार-मेंगलवा (३) एकसद्गृहस्थः-भीनमालः
SR No.032700
Book TitleSutrakritanga Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherRamchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages364
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sutrakritang
File Size17 MB
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