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श्री-गोडी-पार्श्वनाथाय नमः
श्री महावीर - स्वामिने नमः
प्रभु - श्रीमद् विजय-राजेन्द्रसूरीश्वराय नमः
श्रीमच्छीलाङ्काचार्यकृतटीकासहितम्
श्रीसूत्रकृताङ्गम् सूत्रम्
आ. श्री जवाहरलालजी म. के तत्त्वावधान में पंडित अंबिकादत्तजी ओझा व्याकरणाच्चार्य द्वारा अनुवादित प्रथम श्रुतस्कन्ध भाग : १ अध्ययन १ से ४ तक ( संस्कृत छाया, अन्वयार्थ, भावार्थ और टीकार्थ सहित)
· दिव्याशिष
श्री विद्याचन्द्रसूरीश्वराः • श्री रामचन्द्रविजयाः
• पुनः संपादक -
मुनिराज - श्री - जयानन्दविजयादि - मुनिमण्डलः
· प्रकाशिका -
गुरुश्रीरामचन्द्रप्रकाशनसमितिः- भीनमालः (राज.)
• मुख्य संरक्षक
(१) श्री संभवनाथ राजेन्द्र सूरि जैन श्वे. ट्रस्ट, कुंडलवरी स्ट्रीट, विजयवाडा . ( A. P.)
(२) मुनिराज - श्री - जयानन्द - विजयस्य निश्रायां २०६५ वर्षे चातुर्मासोपधानकारितनिमित्ते
हर कुंदन ग्रुप
मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हरियाणा
श्रीमती - गेरोदेवी-जेठमलजी - बालगोता-परिवार-मंगलवा
(३) एकसद्गृहस्थः- भीनमालः