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________________ ओसवाल जाति का इतिहास इन सेवाओं से महाराणाजी बड़े प्रसन्न हुए। आपको सं १९८९ में बैठक का सम्मान प्राप्त हुआ। आपके बसंतीलालजी एवं सुन्दरलालजी नामक दो पुत्र हैं। बसन्तीलालजी मुरड़िया - आपका सं० १९५२ में जन्म हुआ। आप बड़ी तीक्ष्ण बुद्धि के सज्जन हैं। आप देहरादून फारेस्ट कालेज की परीक्षा में सारी युनिवर्सिटी में प्रथम नम्बर से पास हुए थे इसके उपलक्ष्य में आपको मेडल्स भी मिले थे । वर्तमान में आप मेवाड़ स्टेट के कन्सरवेटर के पद पर काम कर रहे हैं। आपके मनोहरसिंहजी, सुगनसिंहजी, मोतीसिंहजी तथा वीरसिंहजी नामक चार पुत्र हैं। इनमें से मनोहर सिंहजी बी० एस० सी० आनर्स की परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुके हैं। सुन्दरलालजी - आपका जन्म संवत् १९६० में हुआ। आपने एफ० एस० सी० तक पढ़ाई कर बनारस युनिवर्सिटी से सिवल इंजिनिरिंग पास की। इस समय आप उदयपुर स्टेट के नवीन रेलवे डि० में असिस्टेट इंजीनियर हैं । चम्पालालजी मुरडिया - आप मुरडिया श्रीलालजी के पुत्र तथा भम्बावजी के छोटे भ्राता थे । आपका सं० १८९८ में जन्म हुआ था। आप बड़े व्यवस्थापक, दूरदर्शी तथा साहसी व्यक्ति थे । आपने आरज्या ठिकाने की व्यवस्था बड़ी योग्यता से की। आप बड़े प्रसन्न चित्त तथा उदार हृदय के सज्जन थे । आपका सम्वत् १९६४ में स्वर्गवास हुआ। आपके नाम पर आपके छोटे भ्राता प्यारचंदजी के पुत्र मालूमसिंहजी गोद आये । ज्ञानमलजी मुरडिया - आप मुरडिया श्रीलालजी के तीसरे पुत्र थे । आपके हमीरसिंहजी एवं हीरालालजी नामक दो पुत्र हुए। इनमें हीरालालजी अम्बाबजी के नाम पर दत्तक चले गये हैं । हमीर सिंहजी मुरडिया - आपका सम्वत् १९२५ में जन्म हुआ था । आप बड़े हो सज्जन थे, जाति सुधार के कामों में आप बड़ी दिलचस्पी से भाग लेते हैं । आपने मेवाड़ के ४४ गाँव के पंचों की सम्मति से जाति सुधार के नियम भी बनवाये थे। आप बड़े विवेकशील तथा दूरदर्शी सज्जन थे । अभी कुछ माह पूर्व आपका स्वर्गवास हुआ। आपके मदनसिंहजी एवं रणजीतसिंहजी नामक दो पुत्र हुए। मदनसिंहजी मुरडिया - आपका सन् १८९१ में जन्म हुआ । आपने मेट्रिक्यूलेशन पास कर गवर्नमेंट के खर्चे से सन् १९१४ में मुरादाबाद पोलिस ट्रेनिंग में शिक्षा प्राप्त की । तदनंतर आपने अजमेर मेरवाड़ा तथा गवर्नमेंट रेलवे पोलिस में करीब १६ वर्ष तक सब इन्सपेक्टर के पद पर काम किया और यहाँ से पेंशन मिलने पर उदयपुर के महाराणाजी ने आपको मेवाद में सुपरिन्टेन्डेन्ट पोलिस के पद पर नियुक्त कर सम्मानित किया । वर्तमान में आप भीलवाड़ा डिवीज़न के पोलिस सुपरिन्टेन्डेण्ट हैं। आप बड़े १९०
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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