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श्रयाति का इतिहास
उत्तम कार्य्यं सम्पन्न हुए जिनका वर्णन हम आपकी जीवनी में प्रकाशित कर चुके हैं। खानदेश एज्यूकेशन सोसाइटी, जैन ओसवाल बोर्डिंग जलगांव, अ० भा० महावीर मुनिमण्डल, जलगाँव जिमखाना, भागीरथी बाई साममेरी, राजमक छक्कीचन्द धार्मिक मौषधालय, जामनेर एग्रिकल्चर फर्म, केटल ब्रिडिङ्ग फर्म इत्यादि अनेकानेक सार्वजनिक संस्थाओं को स्थापित करने में या उनकी व्यवस्था करने में आपने प्रधान रूप से आग किया। आपके हृदय का प्रत्येक परमाणु जातीय सेवाओं की भावना से भरा हुआ है । भोसाक जाति का इतिहास भी आपही की सहायता और सहानुभूति का परिणाम है । होगा कि इसके पहले आधार स्तम्भ आप ही हैं।
कहना न
सेठ किशनचंदजी ललवाणी
आप सेठ रामचन्दजी ललवाणी के द्वितीय पुत्र हैं। हम उपर बतला चुके हैं कि आपके भ्राता नांचनखेड़ा से जामनेर चले गये, और आप यहीं अपना साहुकारी लेनदेन का कारोबार सम्हालते रहे । आपका जन्म संवत् १८८७ में तथा स्वर्गवास संवत् १९४५ में हुआ । आपके रूपचंदजी तथा दीपचन्दजी नामक २ पुत्र हुए। सेठ दीपचन्दजी और रूपचंदजी ने कृषि के व्यापार को जमाया। संवत् १९४७ में रूपचंदजी तथा दीपचंदजी का कारवार अलम २ होगया ।
ललवाणी रूपचंदजी का जन्म संवत् १९१९ में हुआ। आपके पुत्र ललवाणी भींवराजजी हुए । आपका स्वर्गवास संवत् १९८७ में हुआ है। आपके पुत्र इन्द्रचन्दजी इस समय विद्यमान हैं। आपका जन्म संवत् १९७६ में हुआ । आपके यहां कृषि तथा लेनदेन का व्यापार होता है। सेठ दीपचंदजी के दत्तक पुत्र चांदमलजी के यहाँ भी यही व्यापारिक काम होता है। सेठ दीपचंदजी का स्वर्गवास २४ साक की अवस्था में सं० १९५० में हुआ ।
यह परिवार बांचनखेड़ा तथा आस पास की ओसवाल समाज में नामांकित व पुराना माना बाता है ।
सेठ सतीदासजी ललवाणी का कुटुम्ब *
सेठ सतीदासजी का जन्म संवत् १८५३ में हुआ। आपने इस दुकान के व्यापार को बहुत चमकाया । आपकी दुकान सतीदासधनजी के नाम से व्यवसाय करती थी । आप भी आस पास के • इस परिवार का पूर्ण परिचय प्राप्त करने के लिये बहुत पत्र दिये लेकिन समय पर परिचय न मिला । भतपण जितना हमारी स्मृति में था उतना ही छापा जा रहा है
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