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मोसवाख माति का इतिहास
- लाला मोतीराम चुनीलाल नाहर का खानदान, अमृतसर
इस सानदान के लोग श्वेताम्बर जैन स्थानक वासी भानाय को मानने वाले हैं। इस खानवान का मूल निवास स्थान होशियारपुर का है। करीब दो वर्षों से अमृतसर में इस खानदान की दुशन स्थापित हुई है।
इस सानदान में लाला हरमुखरायजी बड़े मशहूर और प्रतापी व्यक्ति हुए। आप पंजाब में ब्रिटिश गवर्नमेण्ट के करीब इस पन्द्रह जिलों के लिए पहले पहल खजान्ची चुने गये थे। आपके पांच पुत्र हुए-का• मेहरचन्दजी, लाला राजमलजी, ला• लालचन्दजी, लाला कन्हैयालालजी और लाला बादीशाहजी। इनमें लाला मैहरचन्दजी का खानदान इस समय लाहौर में वसा हुआ है।
ला. राजमलजी को गवर्नमेण्ट के साथ कारोबार होने से बहुत से सार्टिफिकेट भी प्राप्त हुए थे। भाप ओसवाल जाति में बड़े नामी और प्रतिष्ठित थे। आपके चार पुत्र हुए-ला. फतेचंदजी, ला. नाथूरामजी, ला. गंगारामजी और लाला दौलतरामजी ।
ला. दौलतरामजी का जन्म संवत् १९३६ में हुआ। आप बड़े सादे और सरल प्रकृति के पुरुष थे। आप बड़े धर्म प्रेमी थे। भापके चार पुत्र हुए-साला मोतीरामजी, चुनीलालजी, ज्ञानचन्दनी और प्रेमचन्दजी।
ला. मोतीरामजी का जन्म संवत १९५६ का है। आप बड़े योग्य, उत्साही और बुद्धिमान युवक हैं। आप बड़े धार्मिक और समाज सुधारक व्यक्ति हैं। आप पंजाब जैन संघ सियालकोट के सेक्रेटरी, पत्री तहकीकात कमेटी होशियारपुर के सेक्रेटरी, होशियापुर जैनसभा के सेक्रेटरी है। आप साहित्य के भी बड़े प्रेमी हैं। इसके अतिरिक्त आपने बहुत परिश्रम करके होशियारपुर में अमर जैन पांजरापोल की स्थापना की और इस समय आप ही उसके सेक्रेटरी है। होशियारपुर मर्चेण्ट ऐसोसियेशन के आप सेक्रेटरी हैं, हिन्दू सेवा समिति होशियारपुर के भी आप प्रेसीडेण्ट रहे हैं । पंजाब जैन स्थानकवासी सभा की सब्जेक्ट कमेटी के आप मेम्बर रहे हैं। अजमेर के साधु सम्मेलन की अन्तरंग कमेटी के भी भाप मेम्बर थे और भी बहुत से सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आप बड़ी दिलचस्पी से भाग लेते हैं। आपने अपने हाथ से अपनी ब्यापारिक स्थिति को भी बहुत तरकी प्रदान की। अमृतसर ब्रांच भी आपने अपने ही हायों से खोली। होशियारपुर और अमृतसर की जैन समाज में आपकी बहुत प्रतिष्ठा है। आपके इस समय दो पुत्र है-बाबू गिरधारीलालजी और शादीरामजी। आप दोनों ही इस समय पढ़ रहे हैं।
ला. चुनीलालजी का जन्म संवत् १९५९ में हुआ। आप बड़े धर्म प्रेमी है। और कार. पार के काम में भाग देते हैं। भापके पवनकुमारजी नामक एक पुत्र है।