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मोसबाल माति का इतिहास
बर्तन आदि का व्यापार होता है। यहाँ माप लोगों का जैन वीविंग वर्कस नामक कारखाना है। जिसमें सिल्की कपड़ा तैयार होता है। गर्मियों में आपकी प्राँच मसूरी में भी रहती है। साधु मुनिराजों की सेवा सरकार में यह परिवार काफी सहयोग लेता है।
लाला नराताराम हंसराज लोढ़ा. रायकोट (पंजाब) ... यह परिवार कई पुश्तों से रायकोट में निवास करता है। इस खानदान के बुजुर्ग लालाखुशीरामजी साहूकारे का काम करते थे। संवत् १९६० में इनका स्वर्गवास हुआ। आपके पुत्र लाला काशीरामजी ने अपनी तिजारत और इज्जत को काफी बढ़ाया। आप २० सालों तक रायकोट म्युनिसिपैलेटी के मेम्बर रहे। सं० १९७९ में १२ साल की उमर में आप सर्गवासी हुए। आपके तुलसीरामजी, नरातारामजी, पूरनमलजी और किशोरीलालजी नामक , पुत्र विद्यमान हैं। पांचवें पुत्र सोहनलालजी स्वर्गवासी हो गये हैं। संवत् १९६५ में इन सब भाइयों का कारवार अलग २ हुआ।
लाला मरातारामजी के यहाँ नराताराम सराव के नाम से बैटिग व साहकारी व्यापार होता है। भाप रायकोट की जैन बिरादरी के चौधरी हैं और वहाँ के व्यापारिक समाज में अच्छी इज्जत रखते हैं। आपने जैम गुरुकुल पंचकूला में एक कमरा बनवाया है और भाप उसकी मैनेजिंग कमेटी के मैम्बर हैं। भाप गुरुकुल के कामों में इमदाद पहुँचाते रहते हैं। आपके छोटे भ्राता पूरनचन्दजी, रायकोट म्युनिसिपेलिटी के वाइस प्रेसिडेण्ट हैं। आला मरातारामजी के पुत्र हंसराजजी और चिरंजीलालजी हैं । हंसराजजी उत्साही युवक हैं, इनके हेमचन्दजी, चिमनलालजी और बलवन्तरायजी नामक ३ पुत्र हैं।
. लाला तुलसीरामजी के यहाँ तुलसीराम सुखीलाल के नाम से कारबार होता है। इनके पुत्र पुत्रीलालजी, मुन्नीलालजी, अमरनाथजी और शांतिनावजी तथा परनचन्दजी के पुत्र रामलालजी, वचनलालजी और किशोरीलालजी के टेकचन्दजी हैं।
लाला चदनमल रतनचंद का खानदान अम्बाला .. इस खानदान के पूर्वज पहले सुनाम (पटियाला ) में रहते थे। वहाँ से भाप लोग अम्बाला में आये और सभी से वहाँ पर निवास कर रहे हैं। आप लोग श्री जैन श्वेताम्बर मन्दिर मार्गीय है । इस खानदान में ला• गुलाबरायजी हुए। इनके पुत्र जमनादासजी के पुत्रौमलजी, कमैयालालजी, चढ़तीमलजी तथा गौनमलजी नामक चार पुत्र हुए। इनमें से यह खानदान काला कन्हैयालालजी का है।
काला कमैयालालजी के बसंतामलजी नामक एक पुत्र हुए। भापकी स्मृति में जैन मन्दिर