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ओसवाल जाति का इतिहास
समय तक इस परिवार के पास 10 हजार रुपयों की जागीर थी। आपके रावरजा सरदारमलजी और जोरावरमलजी नामक २ पुत्र हुए। इनमें सरदारमरूजी, राव फौजमलजी के नाम पर दत्तक गये ।
राव फौजमलजी-आप मारवाद राज्य में हाकिम और सुपरिटेन्डेण्ट के पद पर कार्य करते रहे । दरबार ने आपको सोना और पालकी सिरोपाव इनायत किया था। सम्वत् १९०३ में आप स्वर्गवासी हुए।
रावरजा सरदारमलजी-आप सम्वत् १९०५ में फौजमलजी के नाम पर दत्तक गये । दरबार ने आपको बैठने का कुल्ब और ताजीम इनायत की। आपने अपने पिता राजमलजी के औसर के उपलक्ष में १२॥ न्यात और राज्य के रिसाले को निमंत्रित किया। उस समय दरबार ने आपको मोतियों की कंठी, कदा, सिरपंच, हाथी सिरोपाव, पालकी और पैर में पहिनने के लिए सांटें इनायत की। सम्वत् १९१४ तक आप दीवानी अदालत तथा हुजूरी दफ्तर की दरोगाई (मजिस्ट्रेट शिप) और हाकिमी का कार्य करते रहे । इसके बाद आप पोलिटिकल एजेण्ट के वकील और दफ्तर के सुपरिन्टेन्डेन्ट रहे। संवत् १९३३ की भादवा सुदी के दिन महाराजा जसवंतसिंहजी ने आपको दीवानगी का सम्मान बख्शा । संवत् १९४१ में आप ए. जी. जी. के यहाँ मारवाड़ राज्य की तरफ से वकील बनाये गये और मृत्यु समय तक आप यह कार्य करते रहे । आपका स्वर्गवास संवत् १९४५ की काती बदी ८ को हुआ। आपकी हवेली पर महाराजा जसवंतसिंहजी मातमपुर्सी के लिए पधारे। आपके रावरजा माधौसिंहजी और अमरसिंहजी नामक २ पुत्र हुए।
राव जोरावरमलजी-आपका जन्म संवत् १९०७ में हुआ। आप सांचोर और जोधपुर के हाकिम रहे तथा संवत् १९४९ में ए० जी० जी० के यहाँ वकील बनाये गये। संवत् १९५२ की मगसर सुदी ३ को आप स्वर्गवासी हुए। आपके राव बहादुरमलजी तथा राव दानमलजी नामक ९ पुत्र हुए।
राव बहादुरमलजी-आप जेतारण और पचपदरा के हाकिम रहे और संवत् १९७० में ए. जी. जी. के वकील बनाये गये। भापको पैरों में सोना पहिनने का अधिकार प्राप्त था। संवत् १९८० में भाप स्वर्गवासी हुए। भापके पुत्र सोमागमलजी म्युनिसिपैलिटी में सर्विस करते हैं।
___राव बहादुरमलजी के छोटे भ्राता राव दानमलजी दौलतपुरा तथा पचपदरा के हाकिम थे। संवत् १९६५ में आप स्वर्गवासी हुए। आपके पुत्र राव बदनमलजी का जन्म संवत् १९३८ की भासोज सुदो • को हुआ। आप थोड़े समय के लिये एरनपुरा की छावनी के वकील रहे और इधर सन् १९२३ से देवस्थान धर्मपुरा के सुपरिण्टेण्डेण्ट हैं। आपके मोहवतसिंहजी, फसेसिंहजी तथा उमरावसिंहजी नामक तीन पुत्र हैं।
- रावराजा माधोसिंहजी-जापका जन्म संवत् १९३४ की पोष बदी को हुआ। भारम्भ में