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________________ भण्डारी भण्डारी अम्बाचन्दजी का जन्म संवत् १९४३ में हुआ । आप सन् १९०६ में पचपदरा के हाकिम बनाये गये । इसके पश्चात् आप शेरगढ़, सांचोर, बाली, जेतारण आदि स्थानों पर हाकिम रहे । सन् १९३० में घाणोराव के नाबालिगी ठिकाने के जुडिसिपल ऑफिसर और गार्जियन मुकर्रर हुए । सन् १९३२ में आप आफिशिएटेड जूडिशियल सुपरिटेण्डेण्ट, और जोधपुर के सिटी कोतवाल बनाए गये। इस समय आप साम्भर में जुडिशियल सुपरिटेण्डेण्ट का काम कर रहे हैं । आपके पुत्र नारायणचन्दजी और प्रभुचन्दजी पढ़ते हैं । भण्डारी हेमचन्दजी -भण्डारी केशरीसिंहजी के सबसे छोटे पुत्र हेमचन्दजी थे । स्टेट की ओर से आप १९१३–१४ में उदयपुर में और सन् १९२७ से ३२ तक ए०जी० जी के आफिस में वकील रहे । आपके नाम पर भण्डारी कानचन्दजी के पुत्र मानचन्दजी दत्तक आये । भण्डारी मानचन्दजी रियासत में भिन्न भिन्न स्थानों पर काम करते रहे। आपका स्वर्गवास संवत् १९८२ में हुआ । आपके नाम पर आपके छोटे भाई बलदेवचन्दजी दत्तक आये । भण्डारी बलदेवचंदजी उदयपुर के वकील और राजपूत हितकारिणी सभा के सेक्रेटरी रहे । आपका स्वर्गवास सं० १९७९ में हुआ। आपके नाम पर भण्डारी रंगराजचंदजी दत्तक आये । आपका जन्म १९४९ में हुआ। आप सन् १९२१ में तथा १९२३ से राजपूत हितकारिणी सभा के सेक्रेटरी हैं। नामक दो पुत्र हैं । मारवाद सोकस बोर्ड के अ० सेक्रेटरी हुए आपके रामनाथचन्दजी और जगनाथचन्दकी भंडारी मनमोहनचन्दजी मगरूपचन्दजी ( कुशलचन्दोत ) जोधपुर भण्डारी कुशलचन्दजी के पाँचवे पुत्र खूबचन्दजी थे । इनके पुत्र नेनचन्दजी व्ययसाय करते थे। इनके भागचंदजी, दईचंदजी और उम्मेदचंदजी नामक ३ पुत्र हुए। इनमें दईचंदजी सम्बत् १९४४ में तथा शेष दो भाई १९४३ में स्वर्गवासी हुए । भंडारी भागचन्दजी के पुत्र सबलचंदजी और मनोहरचंदजी जोधपुर स्टेट में हाकिम रहे। भण्डारी दईचन्दजी के पुत्र बादलचंदजी थे। इनका संवत् १९३७ में स्वर्गवास हुआ। आपके मेघचन्दजी, रणजीतचंदजी, शुभचंदजी, बुधचन्दजी और परमचंदजी नामक ५ पुत्र हुए । इनमें सबलचंदजी के नाम पर रणजीतचंदजी और किशनचंदजी के नाम पर परमचन्दजी बुक गये । इन भाइयों में शुभचंदजी सायर थानेदार, बुधचन्दजी हवाला इन्स्पेक्टर और पदमबन्दजी पोलिस इन्सपेक्टर थे । इस समय इस परिवार में भण्डारी शुभचन्दजी के पुत्र मनमोहनचन्दजी, भण्डारी बुधचन्दजी के पुत्र उगमचंदजी, भण्डारी पदमचन्दजी के पुत्र मगरूपचन्दजी और रणजीतमलजी के पुत्र दिल मोहनचन्दजी १५७
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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