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मुहणोत
सेठ हणुतमल श्रमरचन्द मुहणोत रालेगाँव ( बरार )
यह परिवार हरसोर ( पीथावला - अजमेर के पास ) नामक स्थान से लगभग १०० साल पूर्व हिंगनघाट आया। सेठ हणुतमलजी मुहणोत ने हिंगनघाट आकर व्यवसाय शुरू किया, यहाँ से आपने गाँव (हिंगनघाट से १२ कोस पर) नामक गाँव में कृषि का काम बढ़ाया और लगभग ६० साल पूर्व से आप रालेगाँव में हो निवास करने लग गये। आपने मुहणोत अमरचन्दजी को पीपाद से दत्तक किया । सेठ रतनचन्दजी मुहणोत ने बहुत सम्पत्ति उपार्जित की। आपका संवत् १९०० में स्वर्गवास हुआ । आपके पुत्र रतनचन्दजी का जन्म संवत् १९४० में हुआ । सेठ रतनचन्दजी मुहणोत ने कारवार को भर ज्यादा बढ़ाया। आपके यहाँ मालगुजारी, कृषि और साहुकारी लेन-देन का व्यापार होता है । प्रांत के प्रधान लक्षाधीश ओसवाल सज्जनों में आपकी गणना है ।
बरार
सेठ रतनचन्दजी मुहणोत स्थानकवासी आम्नाय पालते हैं। आपके कोई पुत्र नहीं है। आप को धार्मिक जानकारी अच्छी है ।
सेठ केसरचन्द गुलाबचन्द सुहणोत, अहमदनगर
यह कुटम्ब बुजकुला (मेवाड़) का निवासी है। बापूलालजी मुहणोत मेवाड़ से व्यापार के निमित्त अहमदनगर जिले के अन्तर्गत नेवाला ग्राम में आये। इनके पुत्र केशरीचन्दजी का जन्म १९२२ में और गुलाबचन्दजी का १९३२ में हुआ । केशरीचन्दजी ने इस दूकान के धन्धे को ज़्यादा बढ़ाया तथा अपनी एक ब्रांच अहमदनगर में खोली । गुलाबचन्दजी का संवत् १९७५ में शरीरावसान हुआ ।
सेठ केशरीचन्दजी के पुत्र मोतीलालजी का जन्म १९५० में, चन्दनमलजी का जन्म १९६० में नेमीचन्दजी का १९६४ में तथा चांदमलजी का १९६७ में हुआ । इन बन्धुओं में से दो बड़े बन्धु मेवाला की दूकान का तथा छोटे भाई अहमदनगर की दूकान का काम देखते हैं। सेठ गुलाबचन्दजी के पुत्र माणिकचन्दजी का जन्म संवत् १९५८ में हुआ ।
वर्तमान में इस दूकार पर नेवाला में खेती तथा साहुकारी और भहमदनगर में गला, कपास और तेल का व्यापार होता है। मोतीलालजी के कनकमलजी, धनराजजी, पन्नालालजी, प्रेमराजजी तथा सूरजमलली नामक पाँच पुत्र हैं, जिनमें धनराजजी, माणिकचन्दजी के नाम पर दत्तक गये हैं ।
मेमीचन्दजी के पुत्र शांतिलालजी हैं ।
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