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श्रोसवाल जाति का इतिहास.
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दासजी, रा० ब० छगनमलजी, मानमलजी और प्यारेलालजी नामक ४ पुत्र हुए। इन माताओं में से सेठ घनश्यामदासजी का कारबार संवत् १९७३ के श्रावण मास में अलग हो गया। सेठ धनश्यामदासजी को छोड़कर और भाताओं के कोई सन्तान नहीं हुई। . . . - सेठ घनश्यामदासजी-आपका जन्म संवत् १९१ में हुआ। आपका शरीरावसान संवत् १९७५ की फागुन वदी ९ को हुआ। आपके नौरतनमलजी तथा रिखबदासजी नामक २ पुत्र हुए।
राम बहादुर सेठ छगनमलजी का जन्म संवत १९४३ में हुआ । स्था० कान्फ्रेंस की ऑफिस जब अजमेर में थी, तब आप उसके सेक्रेटरी थे। आप अजमेर के म्युनिसिपल कमिश्नर और ऑनरेरी मजिस्ट्रेट शिप के सम्मान से सम्मानित हुए थे। भारत सरकार ने आपके गुणों से प्रसन्न होकर आपको रायबहादुरका खिताब इनायत किया। ७ वर्ष तक भाप श्वे. जैन कान्फ्रेंस के ऑनरेरी सेक्रेटरी रहे । आपने अपने व्यय से एक हुरशाला चलाई थी।आपका देहावसान संवत् १९७४ की चैत सुदी ४ (ता. २६ मार्चसन् १९२०) को केवल ३१ साल की वय में हो गया।
सेठ मगनमलजी का जन्म १९४५ में हुआ। आपकी धार्मिक कार्यों में विशेष रुचि थी आप बड़ी शांतवृत्ति के पुरुष थे भापका अंतकाल १९८२ की मगसर सुदी ८ को हुआ। सेठ प्यारेलालजी का जन्म १९५१ को माघ सुदी २ को हुआ । आप इस समय विद्यमान हैं। आप दोनों भ्राताओं ने सार्वजनिक व लोकप्रिय कार्यों में बहुत-सा सहयोग लिया। पुष्कर गौशाला, अहिंसा प्रचारक, बंगलोर गौशाला, घाटकोपर जीवदया मंडल आदि संस्थाओं को आपने बहुतसी सहायतायें दी हैं । आपके विचार सात्विक हैं। आपके बड़े भ्राता मगनमलजी, अजमेर के म्युनिसिपल कमिश्नर और आनरेरी मजिस्ट्रेट थे । आप स्था० कान्फ्रेन्स के जनरल सेक्रेटरी और सुखदेव सहाय जैन प्रेस के ऑनरेरी सेक्रेटरी थे।
सेठ नौरतनमलजी रीयां वाले का जन्म संवत् १९५८ की आसोज सुदी । को हुआ। आपका कारबार कई स्थानों पर फैला हुआ है, धार्मिक और सामाजिक कार्यों में आप खूब भाग लेते हैं।
सेठ रिखबदासजी का जन्म संवत् १९६४ के श्रावण पौर्णिमा को हुआ था। ४-५ सालों तक इन्होंने गुरुकुल कांगड़ी में शिक्षा पाई थी, इनका विवाह कोटे में बड़ी धूमधाम से हुआ था। इनका संवत् १९८४ की आसोज वदी ७ को अचानक पति पत्नी का एक साथ अंतकाल हो गया। इस समय आपकी कोई संतान नहीं है।