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ओसवाल जाति का इतिहास सूरि ने प्रतिष्ठा की थी । दाहिनी वेदी पर श्री महावीर स्वामी के प्रथम गणधर श्री गौतमस्वामी की, और बाई पर पंचम गणधर श्री सुधर्म स्वामी की चरण पादुकाएँ विराजमान हैं।
मंदिर के बाहर दोनों तरफ दो क्षेत्रपाल की मूर्तियाँ हैं। तथा नीचे की प्रथम प्रदक्षिणा में एक और ब्राह्मी, चन्दनादि सोलह सतियों का विशाल चरण पट और दूसरी ओर जैन मुनि श्री दीपविजयजी गणि की पादुका अवस्थित है । बाहर की प्रदक्षिणा में श्री जिनकुशलसूरिजी की पादुका है। मंदिर की उत्तर दिशा में सरोवर में उतरने के लिये सीढ़ियाँ बनी हुई हैं।
श्री समवसरणजी
श्री पावापुरी ग्राम के पूर्व की भोर सुन्दर आन उद्यान के पास एक छोटा सा स्तूप बना हुभा है। कहा जाता है कि इस स्थान में भगवान महावीर का प्रचीन समवशरण था। यह स्थान थोड़ी दूरी पर होने के कारण श्वेताम्बर श्रीसंघ ने सरोवर के तट पर ही समवशरणजी की रचना की है तथा वहीं मन्दिर बनवाये हैं । गोलाकार हाते के चारों ओर रेलिंग लगी हुई है और भूमि से प्राकारमय का भाव दर्शाते हुए बीच में एक अष्टकोण सुंदराकृति मंदिर बना हुआ है । सम्वत् १९५३ में विहार निवासी बाबू गोविन्दचन्दजी सुचंती ने श्वेताम्बर श्रीसंघ की ओर से इसकी प्रतिष्ठा करवाई थी। उक्त मंदिर के बीच में एक चतुष्कोन वेदी है जिस पर संवत् १६४५ की वैसाख शुक्लपक्ष ५ का प्रतिष्ठित श्री वीरप्रभु का चरण युगल है। इस समवशरणजी के मन्दिर के समीप पश्चिम दिशा में सुप्रसिद्ध पुरातत्व बाबू पूरणचन्द्रजी नाहर की स्वर्गीय मातेश्वरी श्रीमती गुलाब कुमारी की दुमंजली धर्मशाला है । इसके उत्तर की तरफ रायबहादुर बुधसिंहजी दुधोरिया की धर्मशाला है। बाई महताब कुंअर का मंदिर
यह मन्दिर श्री महावीर स्वामी का है। इसकी मूलवेदी पर श्री महावीर स्वामी की मूर्ति के के साथ और कई पाषाण व धातु की मूर्तियाँ है। कहा जाता है कि अजीमगंज निवासी श्रीमती महताब कुंअर बाई ने अपनी देख रेख में यह मन्दिर बनवाया और संवत् १९३२ में उसकी प्रतिष्ठा करवाई।
___ श्रीपावापुरीजी का तीर्थ बड़े ही रम्य स्थान में है। पहां पर जाते ही हृदय में अनुपम शान्ति का पवित्र अनुभव होने लगता है। भगवान महावीर को निर्वाण तिथि पर यहाँ एक धार्मिक मेला लगता है जिसमें दूर २ से सैकड़ों हजारों यात्री आते हैं। इस मेले के प्रसंग पर आस पास के गांवों के अतिरिक्त दूर २ से कुष्टादि रोगों से पीड़ित, चक्षु विहीन तथा अन्य व्याधियों से ग्रसित हजारों लोग आते