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श्रोसवाल जाति का इतिहास
श्री दावा श्रीलम
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ली सिम्मी कीलपा ना पादकला गेल्पः। ताः कल्प हदमिदधिपतिः पार्श्वना । जिनेंद्रः श्री महाग्य शतानि प्रमदास सदाका विद्याप्रतिप्रकामा विराम किशलया मंगल श्री फलाद्याः समवाद मत मान त्या श्री शनि नीकर व स तुम विकतात युति यसाताद शिक्षक पाकरणाः सा सर्व कलाकलाम में कुसूमः सेोमनवारिवादावर नाव निषेद ए दिली मन देवाः शिवतात शसादविताना मूल नाम श्याम ही ४ प्रकार व विलादतावनी एशियाले सहमिदंगे दि और खामिनलगोपायला देतु तितिमानं न श्रीजेसन मेमना मन गरें जी या जननायके ॥ मद्य दुनाबारे निमि मा दिजिजी ना करता इतिवचः तेना (मोललते ना दातारें कालम मानवता श्री मिनारा दिए.या दुःखाया (विला की वादिता श्री सत्रमा सवसनीय राजवंशः ॥ श्री यादव दीना । राउलजीत सिंह मूलराज सिंह श्री घट मिंद मूलबाड देवराना मात तो केसरीराजा के मीरा मी विदा महान चकारा मिटा ॥ श्रममा पनि विल काल तो हा श्री लदमे से सदन शाय करय हाच सकते लाथम या विमा मानिने ती सिंहासनपूर्व पाप्रादाय तर प्रतापः श्रीमदिति लातवितामा निसान ॥ ॥ ले श्री खर तर विभिश्री वर्धमाना जाता: मादी मालिकाच ट्रक दुबे (ईले जनपद विवादात (इततः (श्री जिनद्रमूरिन गीतिकार श्री नाटीकार श्री जव [दिवस विदिद्यादिश्करकार श्री नवकादिता की शितश्न पद श्री जिनदन विनिवंडस विश्रातिपतिविश्री जैन घरी सर्वश्री जिन में इस वीजिनल सविश्री जिन पद्म ( श्री निलति (श्रीजिनचंद्रसूरयः श्री निशा मर्न नाम श्रीले तीर जिलादेदाः प्रकाशित प्राज्ञसला जिनोद या कलावाद वा वाजिनो हंसा डिनोदय तारे जिनराजः कलार्डिननता सन्मान सहित गनयः स दाम ली श्रिता विमला नत्य ॥ ये महीत विचार मानव वा याना श्री (डिताःसायन यस्ता मोसून दोमुनिधायन्तीति विशाल श्रीमंघाति यी तोमार्ट नीन मात वन इते सोलायनाचल विकार निर्माविताः श्राह वारे विद्वारा॥२ पार कर लेश का ज्ञानवन की शविधिग्रामं पादपुर नपाट का दिनेगरे । निविदा विधितिष्ठति ॥४ जाने को पताकादिकामा तता विचार सारक पापमुनानामधिकृतिःकिय धिरविवि (संद ब क दाम दिती इम दिया हूँ हैं ( कि शमदम से दाम लियः महातमुपावहता विज्ञातते टापा श्रीश: ।165 तिश्री गुरु दर्शना ॥ ॥श्रीमान किशवगाव तालाश नरम काफलेय कामात नमन ॥ शत मिश्री के शीशोपडामा (सा०दे मराजःत ढंग: मा० नाक सदामः सा०दी तारयामासोदकर्मणा देवम हिया सा०] [पवा] सा०वा र सिंह नामान: टू (सा०धीचा नायक टाइम शिवराड्रमदीरा ला ला ला नाम का वारः श्रीवर्ग साधकाः तियानः।।१तील गिनी श्री विकली। साशिवाय तयोः पुत्रः (रा रच:पुत्री दी गई महिला यमिहलाद त योगा सादामदसामा सुतिनारंग बहाना मलालाला र्यालीलादि (बोस हड पालामा (क) पीले बाईला मादितदाता शिवराममा गालारथाः॥5 त्या दिपविवारे से उताका कार्यासनाविवशताशीविनि मामाचा । ३. जारेवत मिलिती संघ शितिर निः॥२६ मुद्याचा वन निवासावर निवारा: ॥ १४४ राज्ये श्रीजनल दशननवादः शन दः कारितः तनः संवत 1800 वर्ष ॐ ॐमपत्रिका निःसर्व दावा सः श्रावका नाम प्रतिमादः शिवाः कारित मित्र जिनसे इस (त्रि सल बना विज्ञान ३०० प्रतिधितानिप्रासादशेवर प्रतितः शतश्री में मदनामी मूलनायक श्वासासा० शिवा मदिरालो लाला मायादेः दिन पुसी (भिक वादसत्यं कर्तवराज ल श्री विर सिद्धिन सा के श्री माया विविधवाः विधापितः राग श्रीवेद सिंह नापित बार वाधवाः सुबोध खाले कारा दिदानसमानित म नृपतिराजताय सादा सकलत कार्य (सद्यताय का ना। जिन कालीज लोकात वा निः॥ सरस्था निवारादसा तो विराजतः सव दताना व यासादः सेलवे प्रासाद कार का प्रसाद विधिप्रतिष्ठित आहानी बिना नवता से सोना जनयातील डद्यानृतः गुरुमंत माल पहिलोगाराई टी मिना दिन तत्शसाद वितयं शिलाक तिल के वाद मुदानि॥४ प्रासादवितयं न द्याबलोकतिल मेडन जि विविन विभाष द्यावं दिवि जगज निः॥ सोलासाग्यनिधयो मम विद्यादाय का क विगा जे डा। श्री जटा सागर गुरव विजय तिवाचे का विवादित शिया व नानावतीत सामॐ त्रास विदितातिन वाचनीया विवः॥ ॥ श्रीः ॥ श्रीः ॥ ॥ लखिताचानुगत सर्व संस्था या कविचानिः । " जिनसे नग विश्व ते काही इदा।
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शिव देवेन प्रशसिक द का रिच ॥ शार किया६ वजे विशेषज्ञात या विता में रवयामास जिज्ञासा
महामुनिः ॥ ॥ शु
श्री सम्भवनाथ मन्दिर प्रशस्ति जैसलमेर
(श्री बा० पूरणचन्द्रजी नाहर के सौजन्य से )
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