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श्रीसवाल जाति का इतिहास
दूसरी ओर अत्यन्त कठिन परिस्थिति में अपने जिलों का उत्तम से उत्तम प्रबन्ध करते हुए पाते हैं । उस भयंकर कोलाहल के समय में रामपुर भानपुर की प्रजा ने जिस सुख और शांति का अनुभव किया था वह बहुत कुछ आप ही की कारगुजारी का फल था । श्रीमंत महाराजा होलकर ने आपकी इन सेवाओं की बड़ी कद्र की और आपको खजूरी और सगोरिया आदि गाँव की जागीरी प्रदान की। इतना ही नहीं वरन् आपको पालकी, छत्री, छड़ी, चँवर आदि ऊच्च सम्मान प्रदान कर महाराजा ने आपका बहुत सस्कार किया था। राज्य के अत्यन्त सम्माननीय सरदारों में आपका आसन रक्खा गया। रामपुर भानपुर जिले के इस महान् प्रभावशाली व्यक्ति का संवत् १९१४ (सन् १८५७ ) में भाले की चोट से गरोठ मुकाम पर देहांत होगया । आपके स्मारक में गरोठ और भानपुर में आलीशान छत्रियाँ बनी हुई हैं जिनमें आपकी मूर्तियां प्रतिष्ठित हैं । ये छत्रियां कोठारी साहब की छत्रियों के नाम से प्रसिद्ध हैं ।
कोठारी सावंतरामजा
कोठारी शिवचन्दजी के स्वर्गवासी होने के बाद संवत् १९१५ में आप मारवाड़ से दत्तक लाये गये और अपने स्वर्गवासी पिताश्री के स्थान पर अधिष्ठित किये गये । आप बड़े उदार, प्रजाप्रेमी, गुणज्ञ और विविध कलाओं के बड़े पुरस्कर्ता थे । प्रजा हित को ही आप राज हित का प्रधान अंग समझते थे । गरीब किसानों के लिये आपके उदार अंतःकरण में बहुत बड़ा स्थान था । जब २ राज्य और किसानों का स्वार्थ टकराता था तब २ आप श्रीमंत होलकर नरेश के सामने बड़े जोरों के साथ किसानों के पक्ष का समर्थन करते थे । इससे सारे जिले के लोग आपको पिता की तरह भक्ति की दृष्टि से देखते थे । आप अपने समय में बहुत ही अधिक लोकप्रिय ये ।
विभिन्न कलाओं के आप अनन्य प्रेमी थे। कविगण, गायक आपकी कीर्त्ति आते थे और आप से खासा पुरस्कार पाते थे । अपनी २ कलाओं का प्रदर्शन करने के से लोग आप की सेवा में उपस्थिति होते थे और उन्हें आपसे काफी उत्तेजन मिलता था । भानपुरा में खासी गतिविधि रहती थी और यह कसवा लोगों के लिये एक आकर्षण का था। आप को स्वर्गीय महाराजा तुकोजीराव ( द्वितीय ) और महाराजा शिवाजीराव खूब रामपुरा भानपुरा के सरसूबा ( Governor ) थे ।
मृत्यु हुई ।
सुनकर दूर २ से लिये चारों ओर
आपके समय में
केन्द्र हो रहा मानते थे आप
संवत् १९५० के लगभग आप को किसी कारणवश इन्दौर जाना पड़ा। वहाँ कुछ समय बाद • आप भाला लेकर घोड़े को फिरा रहे थे कि एकाएक भाला आप के शरीर में घुस गया, जिससे आपकी
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